Ind vs Eng: इशांत-बुमराह की घातक गेंदबाजी से भारत की जोरदार वापसी, इंग्लैंड ने सात विकेट पर बनाए 198 रन

इंग्लैंड का स्कोर एक समय एक विकेट पर 133 रन था, लेकिन पहले दिन का खेल समाप्त होने तक वह सात विकेट पर 198 रन बनाकर जूझ रहा था।

By सुमित राय | Published: September 07, 2018 11:31 PM

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लंदन, सात सितंबर।इशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह की आखिरी सत्र में घातक गेंदबाजी से भारत ने शुक्रवार को शानदार वापसी करके इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच का पहला दिन पूरी तरह से अपने नाम कर दिया। 

इंग्लैंड का स्कोर एक समय एक विकेट पर 133 रन था, लेकिन पहले दिन का खेल समाप्त होने तक वह सात विकेट पर 198 रन बनाकर जूझ रहा था। पहले दो सत्र में विकेट से महरूम रहे इशांत ने 28 रन देकर तीन और बुमराह ने 41 रन देकर दो विकेट लिए हैं। स्पिनर रविंद्र जडेजा ने भी 57 रन के एवज में दो विकेट हासिल किए। मोहम्मद शमी ने भी अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिला। 

अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल रहे एलेस्टेयर कुक की धीमी, लेकिन ठोस पारी और दूसरे छोर से मोईन अली के पिच पर टिके रहने के दृढ़ इरादों के कारण भारत पहले दो सत्र में केवल एक विकेट हासिल कर पाया, लेकिन चाय के विश्राम के बाद एकदम से कहानी बदल गयी। 

कुक ने बेहद धीमी बल्लेबाजी की, लेकिन वह पिछली नौ पारियों के बाद पहली बार अर्धशतक जमाने में सफल रहे। उन्होंने 190 गेंदें खेलकर 71 रन बनाए तथा इस बीच अपने सलामी जोड़ीदार कीटोन जेनिंग्स (23) के साथ पहले विकेट के लिए 60 और मोईन अली (50) के साथ तीसरे विकेट के लिए 73 रन की उपयोगी साझेदारियां की। 

तीसरा सत्र पूरी तरह से भारत के नाम रहा जिसमें उसने छह विकेट हासिल किए। बुमराह ने कुक और कप्तान जो रूट (शून्य) को चार गेंद के अंदर पवेलियन भेजकर भारत को वापसी दिलाई। कुक के लिए उनकी मूव करती गेंद बल्ले को चूमकर विकेट पर लगी, जबकि बुमराह की इनस्विंगर रूट के समझ से परे थी। वह उनके पैड पर टकराई और जोरदार अपील पर अंपायर की उंगली उठ गई। 

भारत ने मोईन और कुक के खिलाफ अपने दोनों रिव्यू गंवा दिए थे, लेकिन रूट ने डीआरएस का सहारा लिया। उन्हें हालांकि इसका फायदा नहीं मिला और इंग्लैंड के कप्तान को बिना खाता खोले पवेलियन लौटना पड़ा। 

इशांत ने अगले ओवर में जेमी बेयरेस्टो को भी खाता नहीं खोलने दिया। उनकी ऑफ स्टंप से जाती गेंद को बेयरेस्टो ने लाइन में आए बिना खेलने की कोशिश की और विकेटकीपर ऋषभ पंत को आसान कैच थमाया। बेयरेस्टो पिछली चार पारियों में तीसरी बार खाता नहीं खोल पाए और इंग्लैंड का स्कोर एक विकेट पर 133 रन से चार विकेट 134 रन हो गया। 

बेन स्टोक्स (11) भी ज्यादा देर तक मोईन का साथ नहीं दे पाए। जडेजा की सीधी लेकिन अपेक्षाकृत तेज गेंद विकेट के ठीक सामने उनके पैड पर टकराई और अंपायर को फैसला देने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। 

मोइन की 170 गेंद की धैर्यपूर्ण पारी का अंत आखिर में इशांत ने किया। इस अनुभवी गेंदबाज ने उन्हें स्ट्रोक खेलने के लिए मजबूर किया और गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर पंत के दस्तानों में समा गई। इशांत ने इसी ओवर में नये बल्लेबाज सैम कर्रन (शून्य) को भी पवेलियन की राह दिखा दी, जिन्होंने पिछले मैच में अपनी दो साहसिक पारियों से पासा पलट दिया था। 

इशांत के अगले ओवर में जोस बटलर भी पवेलियन लौट सकते थे। कैच की उनकी अपील पर अंपायर की उंगली भी उठ गई थी, लेकिन रीप्ले से पता चला कि गेंद बल्ले से नहीं लगी थी। भारत ने 87 ओवर बाद नई गेंद ली, लेकिन इससे असर नहीं पड़ा। स्टंप उखड़ने के समय बटलर 11 और आदिल राशिद चार रन पर खेल रहे थे। 

इससे पहले रूट के लगातार पांचवें मैच में टॉस जीतने के बाद अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल रहे कुक जब बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे तो भारतीय टीम ने उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' पेश किया। 

जडेजा ने जेनिंग्स को केएल राहुल के हाथों कैच कराकर टीम को पहली सफलता दिलाई। राहुल का श्रृंखला में यह 12वां कैच था। शमी को शुरू में मूवमेंट नहीं मिला, लेकिन दूसरे स्पेल में उन्होंने काफी प्रभावशाली गेंदबाजी की तथा कुक और मोईन को परेशान किया। भाग्य हालांकि उनके साथ नहीं था और अच्छे प्रयास के बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली। 

इंग्लैंड ने पिछले मैच में जीत दर्ज करने वाली अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया जबकि भारत ने चोटिल रविचंद्रन अश्विन की जगह जडेजा और हार्दिक पंड्या के स्थान पर हनुमा विहारी को टीम में रखा। इंग्लैंड पांच मैचों की श्रृंखला में 3-1 से पहले ही अपने नाम कर चुका है।

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