IND vs SA: कप्तान फाफ डुप्लेसिस को याद आया साल 2015 का दौरा, 7 पारियों में बना सके थे सिर्फ 60 रन

दक्षिण अफ्रीका को पिछली बार स्पिनरों के खिलाफ जूझना पड़ा था और उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी उनकी राह आसान नहीं होगी।

By भाषा | Published: October 1, 2019 04:22 PM2019-10-01T16:22:45+5:302019-10-01T16:22:45+5:30

IND vs SA: Time to grow new leaders: Faf du Plessis ahead of 1st Test against India | IND vs SA: कप्तान फाफ डुप्लेसिस को याद आया साल 2015 का दौरा, 7 पारियों में बना सके थे सिर्फ 60 रन

IND vs SA: कप्तान फाफ डुप्लेसिस को याद आया साल 2015 का दौरा, 7 पारियों में बना सके थे सिर्फ 60 रन

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दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डुप्लेसिस (Faf du Plessis) ने चार साल पहले भारत के मुश्किल दौरे से सबक सीखे हैं और उन्हें उम्मीद है कि बुधवार से शुरू हो रही टेस्ट श्रृंखला के बाद टीम के युवा सदस्य बेहतर क्रिकेटर बनकर उभरेंगे। भारत के पिछले दौर पर दक्षिण अफ्रीका (South Africa) की टीम के पास रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी का कोई जवाब नहीं था और टीम को चार मैचों की श्रृंखला में 0-3 से हार झेलनी पड़ी थी। डुप्लेसिस इस श्रृंखला के दौरान सात पारियों में सिर्फ 60 रन बना पाए थे।

डुप्लेसिस ने पहले टेस्ट से पूर्व कहा, ‘‘अगर आपके खेल में कोई कमी है तो टेस्ट क्रिकेट इसे उजागर कर देता है। बेशक पिछली बार हम यहां बल्लेबाजी इकाई के रूप में आए थे और मुश्किल हालात में मुझे परेशानी का सामना करना पड़ा था। तथ्य यह है कि मुश्किल हालात से सामंजस्य बैठाने के लिए मुझे रक्षात्मक और तकनीकी रूप से बेहतर होने की जरूरत है।’’

डुप्लेसिस मौजूदा टीम में शामिल उन पांच खिलाड़ियों में से एक हैं जो भारत के पिछले दौरे पर आए थे। अन्य चार खिलाड़ी कागिसो रबादा, डीन एल्गर, तेंबा बावुमा और वर्नन फिलेंडर थे। फिलेंडर हालांकि सिर्फ एक टेस्ट खेलने के बाद चोटिल हो गए थे।

दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ने कहा, ‘‘यह सभी के लिए कड़ा था लेकिन मेरे लिए इसकी काफी अहमियत थी। इसके बाद मैंने स्पिन को बेहतर खेलना शुरू किया। इसलिए मुझे लगता है कि खुद को बेहतर बनाने के लिए सभी खिलाड़ियों को कड़े समय से गुजरना होता है और समझना होता है कि उनकी संभावित कमजोरी क्या है। इसके बाद या तो आप खत्म हो जाते हो या मजबूत वापसी करते हो।’’

दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों की मदद के लिए भारत के अमोल मजूमदार भी मौजूद हैं जो टेस्ट श्रृंखला के लिए टीम के बल्लेबाजी कोच की भूमिका निभा रहे हैं। समय सीमित है लेकिन डुप्लेसिस ने कहा कि स्थानीय मदद से टीम को फायदा ही मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय हालात की जानकारी रखने वाले के होने से मदद मिलती है। वह कुछ ही समय से हमारे साथ है और हम पहले ही कुछ अच्छी चर्चाएं कर चुके हैं।’’ डुप्लेसिस ने कहा, ‘‘पिछली बार गेंद काफी स्पिन हो रही थी। इस बार इतना टर्न मिलने की उम्मीद नहीं है। तब विकेट काफी सूखे थे और अनुभवी बल्लेबाजी क्रम होने के बावजूद हमें जूझना पड़ा था। हम हमारी टीम युवा है इसलिए कोई दबाव नहीं है।’’

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में यह दक्षिण अफ्रीका की पहली श्रृंखला होगी। विश्व कप में लचर प्रदर्शन के बाद टीम प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है और अगले छह महीने में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया से भी खेलेगी। डुप्लेसिस ने कहा कि उनकी टीम चुनौती के लिए तैयार है। अभ्यास मैच में फिलेंडर के उम्दा बल्लेबाजी करने के बाद दक्षिण अफ्रीका की टीम पहले टेस्ट में पांच गेंदबाजों के साथ उतरने की सोच रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह एक विकल्प है। भारत हमेशा से ऐसा स्थान रहा है जहां आप पहली पारी में रन बना सकते हो लेकिन दूसरी पारी में यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है और पहली पारी में आपके पास पर्याप्त गेंदबाजी संसाधन होने चाहिए।’’ दक्षिण अफ्रीका को पिछली बार स्पिनरों के खिलाफ जूझना पड़ा था और उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी उनकी राह आसान नहीं होगी। डुप्लेसिस का हालांकि मानना है कि उनके नंबर एक स्पिनर केशव महाराज भारत के शीर्ष बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं।

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