विजय शंकर ने आखिरी ओवर में दो विकेट लेकर भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में 8 रनों से जीत दिला दी। इस मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम विराट कोहली की 116 रनों की पारी के बावजूद 48.2 ओवर में 250 रन बनाकर ऑल आउट हो गई थी। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को 49.3 ओवर में 242 के स्कोर पर ऑल आउट कर दिया।
ऑस्ट्रेलिया को आखिरी ओवर में जीत के लिए 11 रन की जरूरत थी और ऐसे में आखिरी ओवर में विजय शंकर से गेंदबाजी कराने का फैसला चौंकाने वाला था, क्योंकि इससे पहले उन्होंने सिर्फ एक ओवर गेंदबाजी की थी और 13 रन दिए थे। यह फैसला कप्तान कोहली का नहीं, बल्कि पूर्व कप्तान एमएस धोनी का था।
एमएस धोनी की सलाह भारतीय टीम के लिए हमेशा कारगर साबित हो रही है। इस बात को कप्तान विराट कोहल अनेक अवसरों पर स्वीकार चुके हैं। नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले गए दूसरे वन-डे के अंतिम ओवर में विजय शंकर को गेंदबाजी सौंपने का फैसला भी धोनी और उपकप्तान रोहित शर्मा का ही रहा।
इस बारे में कप्तान कोहली ने कहा कि रोहित से सलाह लेना हमेशा अच्छा रहता है। वह टीम का उप-कप्तान है और धोनी लंबे समय से यह काम करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'वह 46वें ओवर में विजय शंकर को गेंद सौंपना चाहते थे, लेकिन पूर्व कप्तान एमएस धोनी और उपकप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
कोहली ने कहा, 'मैं ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी के दौरान 46वां ओवर शंकर को देने के बारे में सोच रहा था, लेकिन धोनी और रोहित ने मुझे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के साथ गेंदबाजी जारी रखने की सलाह दी। उनका सोचना था कि अगर हम कुछ विकेट निकाल लेते हैं तो मैच में बने रहेंगे और ऐसा ही हुआ।'
जसप्रीत बुमराह ने 46वें और 48वें ओवर में कमाल की गेंदबाजी की। उन्होंने 46वें ओवर में एक रन देकर दो विकेट लिए और 48वें ओवर में एक रन देकर भारत की जीत पक्की कर दी। अंतिम ओवर में जब ऑस्ट्रेलिया जीत से 11 रन दूर था तब विजय शंकर (15 रन देकर दो) ने जिम्मा संभाला और तीन गेंदों पर खतरनाक मार्कस स्टोइनिस (52) और एडम जम्पा को आउट कर भारत को जीत दिलाई।