ICC Women's Under-19 World Cup: भारत की बेटियों ने असाधारण प्रतिभा से इतिहास रच दिया?

ICC Women's Under-19 World Cup: शांता रंगास्वामी और डायना एडुल्जी जैसी खिलाड़ियों ने भारत में महिला क्रिकेट की मजबूत नींव रखी.

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: February 4, 2025 05:51 IST

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ठळक मुद्देकड़ी मेहनत से निखारा और लगातार दूसरी बार विश्वकप जीतने में सफल रहीं. आज भारत में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेट प्रतिभाएं तैयार हो रही हैं. वर्ल्डकप जैसी प्रतियोगिताएं भविष्य की कर्णधारों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

ICC Women's Under-19 World Cup: 19 वर्ष के कम आयु के टी-20 महिला विश्वकप क्रिकेट में हमारी बेटियों ने एक बार फिर कमाल दिखाया है. 2023 में इस वर्ग में विश्व चैंपियन बनने के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को हराकर लगातार दूसरी बार विश्व विजेता का ताज रविवार को पहन लिया. भारतीय बेटियों की यह जीत देश में महिला क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करती है और साथ ही यह भी साबित करती है कि 2023 में उनका विश्व विजेता बनना महज एक संयोग नहीं था. भारत की बेटियों ने अपनी विलक्षण प्रतिभा को कड़ी मेहनत से निखारा और लगातार दूसरी बार विश्वकप जीतने में सफल रहीं. शांता रंगास्वामी और डायना एडुल्जी जैसी खिलाड़ियों ने भारत में महिला क्रिकेट की मजबूत नींव रखी.

उनके दौर में भारतीय महिला क्रिकेट इतना मजबूत नहीं था क्योंकि पुरुषों के मुकाबले महिला क्रिकेट में न धन था, न प्रायोजक थे, न आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं थीं और न ही पर्याप्त प्रोत्साहन था. हमारा संकीर्ण सामाजिक ढांचा भी महिलाओं को क्रिकेट खेलने के लिए हतोत्साहित करता था. इन विपरीत परिस्थितियों में भारत में महिला क्रिकेट ने आकार लिया, पैर जमाए और आज भारत में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेट प्रतिभाएं तैयार हो रही हैं. आईसीसी अंडर-19 वर्ल्डकप जैसी प्रतियोगिताएं भविष्य की कर्णधारों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने देर से ही सही, बेटियों की क्षमता को पहचाना और उन्हें भी पुरुष खिलाड़ियों की तरह तराशने का बीड़ा उठाया. इसके सकारात्मक नतीजे सामाने आने लगे और भारतीय महिला क्रिकेट टीम आज सीनियर और जूनियर दोनों ही स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया में मनवा रही है.

भारत में महिला क्रिकेट ने 1973 से आकार लेना शुरू किया था और 52 वर्ष की लंबी यात्रा में भारत की बेटियों ने बुलंदियों की एक-एक मंजिल को फतह करना शुरू कर दिया. रविवार को अंडर-19 का विश्वकप जीतकर हमारी बेटियों ने नया इतिहास रचा. उनकी जीत महज एक संयोग नहीं थी. छोटे-छोटे शहरों से निकली भारत की बेटियों ने अथक परिश्रम, खेल के प्रति अपने अगाध समर्पण, जीतने की अदम्य लालसा तथा अपनी प्रतिभा के बल पर पूरी दुनिया को दिखा दिया कि आने वाले वर्षों में विश्व महिला क्रिकेट पर भारत का दबदबा कायम होने वाला है.

आज महिला क्रिकेट में भारत के पास स्मृति मंधाना, शेफाली वर्मा, हरप्रीत कौर, राधा यादव, नंदिनी कश्यप, जेमिया रोड्रिग्ज, टीटास साधु, दीप्ति शर्मा, रेणुका ठाकुर, सजीवन सजाना, राघवी बिष्ट, प्रिया मिश्रा, तान्या भाटिया, दयालन हेमलता, वेदा कृष्णमूर्ति, एकता बिष्ट, पूजा वस्त्राकर, पूनम यादव, राधा यादव जैसे सितारे हैं जो झूलन गोस्वामी तथा मिताली राज की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं.

2025 के अंडर-19 वर्ल्डकप में गोंगाडी त्रिशा, निकी प्रसाद, प्रसनिका सिसोदिया, कमलिनीश्री, सानिका चलके, वैष्णवी शर्मा, आयुषी शुक्ला ने दिखा दिया कि वे भविष्य की कमान संभालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इन लड़कियों ने अपना मुकाम हासिल करने के लिए कड़ा संघर्ष किया है.

उनकी सफलता के पीछे निश्चित रूप से उनके माता-पिता के प्रोत्साहन का भी योगदान है और बीसीसीआई के समर्थन से भी उन्हें भरपूर प्रेरणा मिली, लेकिन इन बेटियों को आगे बढ़ाया उनके जज्बे ने. देश के लिए कुछ कर दिखाने की लालसा ने इन बेटियों को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा दिया.

बल्लेबाजी हो या तेज अथवा स्पिन गेंदबाजी या फील्डिंग, खेल के सभी क्षेत्रों में भारत की बेटियों ने असाधारण क्षमता का परिचय दिया. वर्ल्डकप जीतने वाली इन बेटियों की असाधारण क्षमता तथा प्रतिभा का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरी प्रतियोगिता में उन्होंने एक भी मैच नहीं गंवाया और अपने किसी भी प्रतिद्वंद्वी के विरुद्ध उन्हें कड़ा संघर्ष नहीं करना पड़ा.

सेमीफाइनल में भी उन्होंने इंग्लैंड जैसी टीम को आसानी से मात दी तो फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने हमारी बेटियों के आगे एक तरह से समर्पण कर दिया था. सीनियर वर्ग में भारत भले ही हमारी बेटियां दो बार फाइनल में पहुंचने के बावजूद वनडे की विश्व चैंपियन नहीं बन सकीं लेकिन उन्होंने जो मजूबत बुनियाद तैयार की है, उस पर सफलता के महल का निर्माण करने वाली प्रतिभाएं तैयार हो गई हैं. आज पुरुष क्रिकेट में भारत की जो धाक है, वही प्रभुत्व शीघ्र महिला क्रिकेट में भी देखने को मिलेगा.

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