हारना मुझे पसंद नहीं और मैं भी असफलताओं से प्रभावित होता हूं: विराट कोहली

वनडे और टेस्ट में क्रमश: 11,500 और 7,202 रन बनाने वाले कोहली अपने पीछे एक विरासत छोड़ना चाहते हैं जिसका अनुसरण आने वाले लोग करें।

By भाषा | Published: November 28, 2019 4:57 PM

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ठळक मुद्देविराट कोहली ने कहा ऐसा नहीं है कि विफलताओं से प्रभावित नहीं होते।कोहली ने कहा कि जब मैं मैदान बाहर आता हूं, तो मैं पूरी तरह थका हुआ होना चाहता हूं।

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने हालांकि इतनी ज्यादा विफलताएं नहीं देखी हैं, लेकिन उनका कहना है कि ऐसा नहीं है कि वह इनसे प्रभावित नहीं होते। इसका हालिया उदाहरण भारत का इंग्लैंड में वनडे विश्व कप सेमीफाइनल मैच में हारना रहा, जिसमें टीम को न्यूजीलैंड ने 18 रन से शिकस्त दी।

कोहली ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘‘क्या मैं असफलताओं से प्रभावित होता हूं? हां, होता हूं। हर कोई होता है। अंत में मैं एक बात जानता हूं कि टीम को मेरी जरूरत है। सेमीफाइनल में मुझे लग रहा था कि मैं नाबाद लौटूंगा और अपनी टीम को इस मुश्किल दौर से निकाल कर लाऊंगा।’’

कोहली ने कहा, ‘‘लेकिन हो सकता है कि वो मेरा अहंभाव हो क्योंकि आप कैसे भविष्यवाणी कर सकते हो? आपके अंदर सिर्फ मजबूत अहसास हो सकते हैं या फिर इस तरह का कुछ करने की प्रबल इच्छाशक्ति।’’

वनडे और टेस्ट में क्रमश: 11,500 और 7,202 रन बनाने वाले कोहली अपने पीछे एक विरासत छोड़ना चाहते हैं जिसका अनुसरण आने वाले लोग करें। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मुझे हारना पसंद नहीं है। मैं बाहर आकर यह नहीं कहना चाहता था कि मैं ऐसा कर सकता था। जब मैं मैदान पर कदम रखता हूं तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात होती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं बाहर आता हूं, तो मैं पूरी तरह थका हुआ होना चाहता हूं। हम उस तरह की विरासत छोड़ना चाहते हैं कि आने वाले क्रिकेटर कहें कि हमें इस तरह से खेलना है।’’

कोहली की टीम ने हाल में कोलकाता में बांग्लादेश को दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 2-0 से मात देकर लगातार 12वीं टेस्ट श्रृंखला जीती। टीम अब छह दिसंबर से वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू होने वाली श्रृंखला की तैयारियों में जुटी है।

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