नई दिल्ली: हार्दिक पांड्या के लिए पिछला एक महीना काफी उथल-पुथल वाला रहा है। एक तरफ जहां विश्वविजेता टीम का हिस्सा बनने की खुशी मिली वहीं कुछ दिन बाद ही टी20 टीम की कप्तानी छिन गई। हार्दिक को कुछ समय पहले तक रोहित शर्मा का उत्तराधिकारी माना जाता था। रोहित की अनुपस्थिति में हार्दिक ने कई सीरीज में टीम का नेतृत्व भी किया। लेकिन गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद मामला पलट गया। रोहित शर्मा के टी20 से संन्यास लेने के बाद बोर्ड एक स्थाई कप्तान नियुक्त करना चाहता था। सबका मानना था कि हार्दिक का कप्तान बनना तय है। लेकिन जब श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा हुई तो सूर्यकुमार को टीम की कमान सौंप दी गई। इस फैसले से भले हर कोई चौंक गया हो लेकिन इसकी पटकथा काफी पहले से लिखी जा रही थी।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि मुख्य कोच गंभीर चाहते थे कि सूर्यकुमार यह भूमिका निभाएं, क्योंकि वह हार्दिक की निरंतरता और फिटनेस से सहमत नहीं थे। पीटीआई की एक रिपोर्ट में अब यह भी दावा किया गया है कि गंभीर के अलावा मुख्य चयनकर्ता अगरकर भी हार्दिक पांड्या की कप्तान के रूप में योजनाओं से खुश नहीं थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि अजीत अगरकर के नेतृत्व वाली चयन समिति भी पूरी तरह से आश्वस्त नहीं थी कि वह योजना बनाने में उतने अच्छे हैं जितनी एक अंतरराष्ट्रीय कप्तान से उम्मीद की जाती है।
इसके अलावा हार्दिक को आईपीएल में मुंबई इंडियंस का कप्तान बनाने के बाद जो कुछ हुआ उसे बीसीसीआई ने काफी करीब से देखा था। हार्दिक को एमआई कप्तान नामित किया गया था, हालांकि, उन्हें रोहित शर्मा के प्रशंसकों के क्रोध का सामना करना पड़ा और जहां भी वह खेलने गए, उन्हें हूटिंग का सामना करना पड़ा। ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों और कैंप फॉर्मेशन के बीच मतभेद की खबरें थीं। ड्रेसिंग रूम का ऐसा अस्वास्थ्यकर माहौल किसी भी टीम के लिए अच्छा नहीं है और यह आईपीएल 2024 में एमआई के प्रदर्शन में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। बीसीसीआई टीम इंडिया के लिए ऐसा नहीं चाहता था, इसलिए उन्होंने हार्दिक पंड्या से पहले सूर्यकुमार यादव को भारत का कप्तान बनाने का फैसला किया।