भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को न्यूजीलैंड दौरे के लिए चुनी गई इंडिया-ए टीम से आखिरी समय पर बाहर कर दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि पंड्या फिटनेस टेस्ट पास करने में नाकाम रहे, लेकिन उनके ट्रेनर ने इस बात का खंडन कर दिया था।
अब बीसीसीआई अधिकारी ने भी पंड्या का सपोर्ट किया है। उन्होंने कहा, "आपको सही बात बताऊं तो वह कड़े गेंदबाजी अभ्यास के बाद अपने आप से संतुष्ट नहीं थे। कुछ खिलाड़ी होते हैं जिनका टेस्ट वर्कलोड के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, कोई खिलाड़ी जो पीठ की चोट के बाद वापसी कर रहा है तो उसका टेस्ट कड़े गेंदबाजी अभ्यास सत्र में उसके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।"
सूत्र ने कहा, "खिलाड़ी का टेस्ट तब किया जाता है जब वह नेट्स पर दो-तीन घंटे बिताता है। इस दौरान उसकी गेंदबाजी देखी जाती है। उसकी लय, तेजी, सटीकता और गेंदबाज अपने प्लान पर किस तरह से काम कर रहा है, यह सब टेस्ट में देखा जाता है। इसलिए अगर शरीर वे सारी चीजें नहीं करता जो खिलाड़ी के दिमाग में हैं तो मतलब है कि वह वर्कलोड के मुताबिक प्रतिक्रिया नहीं दे रहा। पांड्या का मानना था कि वह अपनी पीठ पर और काम करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "यो-यो वगैरह तो वह सोते हुए भी पास कर लें। वह दक्षिण अफ्रीका सीरीज में वापसी की तैयारी कर रहे हैं। तब तक वह अपनी पीठ पर काम करना जारी रखेंगे। वह किसी तरह से अधूरे काम नहीं करना चाहते।"