पुजारा को टेस्ट टीम से बाहर करने के फैसले से खुश नहीं हैं हरभजन सिंह, कहा- 'जैसे उसको टीम से फेंका गया...'

पुजारा ने 2010 में टीम इंडिया के लिए टेस्ट डेब्यू किया था और तब से लेकर अभी तक वह 103 टेस्ट मैचों में 43.60 की औसत से 7195 रन बना चुके हैं। टीम से बाहर होने के बाद पुजारा ने आराम करने के बजाए दिलीप ट्रॉफी में वेस्ट जोन की ओर से खेलने का फैसला किया और शतक लगाकर एक बार फिर से बताया कि अभी वह चूके नहीं हैं।

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 11, 2023 06:27 PM2023-07-11T18:27:00+5:302023-07-11T18:28:45+5:30

Harbhajan Singh is not happy with the decision to drop Cheteshwar Pujara from the Test team | पुजारा को टेस्ट टीम से बाहर करने के फैसले से खुश नहीं हैं हरभजन सिंह, कहा- 'जैसे उसको टीम से फेंका गया...'

वेस्टइंडीज टूर के लिए सीनीयर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को टीम में जगह नहीं दी गई

googleNewsNext
Highlightsवेस्टइंडीज टूर के लिए सीनीयर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को टीम में जगह नहीं दी गईविश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में फेल होने का खामियाजा पुजारा को भुगतना पड़ापुजारा को जिस तरह से अचानक टीम से बाहर किया गया उससे पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह खुश नहीं हैं

IND vs WI:  वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया 12 जुलाई से पहला टेस्ट मैच खेलने उतरेगी। वेस्टइंडीज टूर के लिए सीनीयर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को टीम में जगह नहीं दी गई। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में फेल होने का खामियाजा पुजारा को भुगतना पड़ा और उन्हें टीम से ड्राप कर दिया गया। माना जा रहा है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट अब टेस्ट मैचों में नंबर तीन पर नए खिलाड़ी को तैयार करना चाहता है। इसके लिए यशस्वी जायसवाल और रुतुराज गायकवाड़ के नाम सबसे आगे हैं।

लेकिन पुजारा को जिस तरह से अचानक टीम से बाहर किया गया उससे पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह खुश नहीं हैं। हरभजन का मानना है कि टीम में खराब प्रदर्शन करने वाले पुजारा इकलौते खिलाड़ी नहीं थे। हरभजन का मानना है कि पुजारा इससे बेहतर बर्ताव के हकदार हैं।

 35 वर्षीय पुजारा को टीम से बाहर करने के बारे में बात करते हुए हरभजन ने एक कार्यक्रम में कहा,  'चेतेश्वर पुजारा ने जो कुछ भी हासिल किया है, उसके लिए मैं उसकी बहुत इज्जत करता हूं। वह काफी सालों से टीम इंडिया के अनसंग हीरो रहे हैं, वह टीम इंडिया के लिए मजबूत स्तंभ रहे हैं। उन्होंने नाम बनाने के बजाए काम करके टीम को संकट से उबारा है, जिससे बाकी बल्लेबाजों को कंफर्ट मिले। मुझे ऐसा लगता है कि उसे इससे ज्यादा इज्जत मिलनी चाहिए थी, जो उसे अभी दी जा रही है। उसे जिस तरह से टीम से बाहर फेंका गया, वह देखकर मैं हैरान हूं, क्योंकि वह अकेला ऐसा बल्लेबाज नहीं था, जो रन नहीं बना रहा था। टीम में और भी हैं, जो उसकी तरह की बल्लेबाजी कर रहे थे, जिन्होंने उतने ही एवरेज से उतने ही रन बनाए हैं।'

बता दें कि  पुजारा ने 2010 में टीम इंडिया के लिए टेस्ट डेब्यू किया था और तब से लेकर अभी तक वह 103 टेस्ट मैचों में 43.60 की औसत से 7195 रन बना चुके हैं। टीम से बाहर होने के बाद पुजारा ने आराम करने के बजाए दिलीप ट्रॉफी में वेस्ट जोन की ओर से खेलने का फैसला किया और शतक लगाकर एक बार फिर से बताया कि अभी वह चूके नहीं हैं। हालांकि बोर्ड दोबारा उन्हें मौका देता है या पुजारा ने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट खेल लिया, इसका जवाब आने वाले समय में ही मिलेगा। 
 

Open in app