'मैं आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा...', हनुमा विहारी ने बयां किया दर्द, राजनेता के बेटे से विवाद के बाद कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था, जानें पूरा मामला

रणजी ट्रॉफी 2023-24 के क्वार्टर फाइनल चरण में आंध्र के बाहर होने के बाद हनुमा विहारी ने ये पोस्ट किया और उस घटना का विवरण दिया। विहारी का कहना है कि आंध्र के सीज़न के पहले गेम के बाद उन्हें कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था क्योंकि वह एक खिलाड़ी पर चिल्लाए थे जो एक राजनेता का बेटा था।

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: February 26, 2024 3:53 PM

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ठळक मुद्देहनुमा विहारी ने बयां किया दर्दराजनेता के बेटे से विवाद के बाद कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया थाकहा- मैं आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा

नई दिल्ली: अनुभवी बल्लेबाज और आंध्र के पूर्व कप्तान हनुमा विहारी ने आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन के साथ अपने विवाद का विवरण देते हुए एक भावनात्मक बयान दिया है। इंस्टाग्राम पर एक लंबी पोस्ट लिखते हुए हनुमा ने अपना दर्द बयां किया है और कहा है कि वह आंध्र के लिए कभी नहीं खेलेंगे।

रणजी ट्रॉफी 2023-24 के क्वार्टर फाइनल चरण में आंध्र के बाहर होने के बाद हनुमा विहारी ने ये पोस्ट किया और उस घटना का विवरण दिया। विहारी का कहना है कि आंध्र के सीज़न के पहले गेम के बाद उन्हें कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था क्योंकि वह एक खिलाड़ी पर चिल्लाए थे जो एक राजनेता का बेटा था।

क्या लिखा है विहारी ने

"हमने अंत तक कड़ा संघर्ष किया लेकिन अंत शानदार नहीं हुआ। एक और क्वार्टर फाइनल हारने का दुख है। यह पोस्ट कुछ तथ्यों के बारे में है जिन्हें मैं सामने रखना चाहता हूं। बंगाल के खिलाफ पहले गेम में मैं कप्तान था, उस गेम के दौरान मैं 17वें खिलाड़ी पर चिल्लाया और उसने अपने पिता (जो एक राजनेता हैं) से शिकायत की, बदले में उसके पिता ने एसोसिएशन से मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा। हालाँकि, हमने पिछले साल फाइनलिस्ट बंगाल के खिलाफ 410 रन का पीछा किया था, लेकिन मुझे बिना किसी गलती के कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया। मैंने व्यक्तिगत तौर पर खिलाड़ी से कभी कुछ नहीं कहा लेकिन एसोसिएशन ने सोचा कि वह खिलाड़ी उस व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण है जिसने पिछले साल अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया और बाएं हाथ से बल्लेबाजी की। जिसने पिछले 7 वर्षों में आंध्र को 5 बार नॉकआउट में पहुंचाया और भारत के लिए 16 टेस्ट खेले।"

विहारी ने आगे लिखा, "मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई लेकिन इस सीज़न में खेलना जारी रखने का एकमात्र कारण यह था कि मैं खेल और अपनी टीम का सम्मान करता हूं। दुखद बात यह है कि एसोसिएशन का मानना ​​है कि खिलाड़ी को वो सब सुनना पड़ेगा जो भी वह कहते हैं। और खिलाड़ी उनकी वजह से ही वहां हैं। मुझे अपमानित और शर्मिंदा महसूस हुआ लेकिन मैंने आज तक इसे व्यक्त नहीं किया है। मैंने फैसला किया है कि मैं आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा जहां मैंने अपना आत्मसम्मान खो दिया है। मुझे टीम से प्यार है। जिस तरह से हम हर मौसम में बढ़ रहे हैं, मुझे वह पसंद है लेकिन एसोसिएशन नहीं चाहती कि हम आगे बढ़ें।"

बता दें कि विहारी ने आंध्र के लिए 37 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। वह पहले हैदराबाद के साथ एक सीज़न खेलने के बाद वापस आंध्र चले गए थे। नवीनतम सीज़न में, विहारी के पद छोड़ने के बाद टीम का नेतृत्व रिकी भुई ने किया।

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