पाकिस्तान के खिलाफ 2003 वर्ल्ड कप की तूफानी पारी के बाद तेंदुलकर कैसे बने सचिन 'पाजी?' आशीष नेहरा ने बताया

Sachin Tendulkar Paaji: पूर्व भारतीय गेंदबाज आशीष नेहरा ने बताया है कि 2003 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई 98 रन की दमदार पारी के बाद ही सचिन तेंदुलकर पाजी बने थे

By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 15, 2020 11:01 AM

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ठळक मुद्देसचिन तेंदुलकर ने 2003 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेली थी 98 रन की दमदार पारीआशीष नेहरा ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ उस पारी के बाद से ही सचिन पाजी बन गए थए

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने खुलासा किया है कि ’पाजी’ शब्द सचिन तेंदुलकर के साथ कैसे जुड़ा। दुनिया में सर्वाधिक रन बनाने वाले तेंदुलकर को उनके साथियों प्यार से ’पाजी’ कहा जाता था, जिसका मतलब है भाई।

उनके करियर के अंत तक, या अब भी, वर्तमान और पूर्व क्रिकेटर्स, जो कभी तेंदुलकर के साथ खेले थे, उनका उल्लेख करते समय सम्मानपूर्वक 'पाजी' शब्द का प्रयोग करते हैं है। नेहरा ने खुलासा किया कि 2003 के वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ तेंदुलकर की 98 रन की पारी की वजह से ही उनके साथियों ने मास्टर बल्लेबाज को 'पाजी ’कहना शुरू किया था।

आशीष नेहरा ने बताया, सचिन को कब से कहना शुरू किया 'पाजी'

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, नेहरा ने स्टार स्पोर्ट्स पर भारत बनाम पाकिस्तान 2003 के मैच के एक एपिसोड के दौरान कहा, 'इससे पहले, हम उन्हें सचिन या सचिन 'भाई’ कहते थे। पहली बार हमने पाकिस्तान के खिलाफ 2003 के वर्ल्ड कप मैच के बाद 'पाजी ’शब्द का इस्तेमाल किया था।'

नेहरा ने कहा, 'होटल वापस लौटते समय बस में, हरभजन सिंह ने पीछे से गाना शुरू किया ‘पाजी नंबर 1’। इस प्रकार सभी लोग सचिन तेंदुलकर को पाजी कहने लगे। उनसे पहले केवल एक पाजी थे, कपिल पाजी।'

सचिन ने पाकिस्तान के खिलाफ खेली थी 98 रन की यादगार पारी

तेंदुलकर की 98 रन की पारी उनकी सर्वश्रेष्ठ वनडे पारियों में शामिल है। सेंचुरिय में अपनी उस पारी के दौरान सचिन ने 12000 वनडे रन का आंकड़ा पार किया था और भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से हराते हुए अपने चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ वर्ल्ड कप में अपना रिकॉर्ड 4-0 (अब 7-0) कर लिया था।

अपनी इसी पारी के दौरान सचिन ने शोएब अख्तर की गेंद पर पॉइंट के ऊपर से प्रसिद्ध छक्का जड़ा था। जीत के लिए 274 रनों का पीछा करते हुए, भारत की पारी के दूसरे ओवर में, तेंदुलकर शोएब की एक छोटी और वाइड गेंद के पीछे गए, जिसने उन्होंने इतनी अच्छी तरह टाइम किया कि गेंद छह रन के लिए पॉइंट बाउंड्री के बाहर पहुंच गई। 17 साल बाद भी, सचिन के उस छक्के की यादें फैंस के जेहन में ताजा हैं।

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