हरभजन सिंह का कोरोना संकट पर बयान, 'अगर इस समय मैं क्रिकेट और आईपीएल के बारे में सोचूं तो स्वार्थी होऊंगा'

Harbhajan Singh: हरभजन सिंह ने कहा कि मेरे ख्याल से लॉकडाउन की घोषणा से पहले प्रवासी मजदूरों की स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए था। उनके पास रहने को घर, खाने को भोजन और कमाई के लिए नौकरी नहीं है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: March 29, 2020 9:44 AM

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ठळक मुद्देअगर मैं इस समय क्रिकेट और आईपीएल के बारे में सोचूं तो मैं बहुत ही स्वार्थी होऊंगा: भज्जीसरकार को मजदूरों को आश्वस्त करना चाहिए था कि उन्हें खाना और पैसा मिलेगा: हरभजन

ऐसे समय में जबकि पूरा देश कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 21 दिनों के लिए लॉकडाउन है तो स्टार भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा है कि इस समय क्रिकेट बारे में नहीं सोच रहे हैं क्योंकि लोग इस समय जिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, उनके सामने क्रिकेट बहुत छोटी चीज है।

इस समय की परिस्थिति के सामने क्रिकेट बहुत छोटी चीज: हरभजन

एएनआई के मुताबिक, 'हरभजन ने कहा, ईमानदारी से कहूं, तो इस समय पिछले 15 दिनों से मेरे दिमाग में क्रिकेट नहीं है। देश के सामने क्रिकेट बहुत छोटी चीज है। अगर मैं इस समय क्रिकेट और आईपीएल के बारे में सोचूं तो मैं बहुत ही स्वार्थी होऊंगा। हमारी प्राथमिकता स्वास्थ्य और भारत को फिट रखना होना चाहिए। खेल केवल तभी होगा जब हम स्वस्थ और सुरक्षित रहेंगे। क्रिकेट मेरी सोच भी नहीं है।'   

भज्जी ने कहा, 'ये समय एक रहने का और देश को वापस उसके कदमों पर लाने के लिए आपके द्वारा जो भी संभव हो करने का है।' 

कोरना वायरस की वजह से देश में सभी खेल प्रतियोगिताएं या तो रद्द हो गई हैं या स्थगित हो गई हैं। आईपीएल का 13वां सीजन भी 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है।

'सरकार को लॉकडाउन से पहले मजदूरों के बारे में सोचना चाहिए था'

इस 39 वर्षीय गेंदबाज ने हजारों की संख्या में महानगरों से अपने घरों की ओर पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही उनके लिए इंतजाम करना चाहिए था।

हरभजन ने कहा, 'मेरे ख्याल से लॉकडाउन की घोषणा से पहले प्रवासी मजदूरों की स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए था। उनके पास रहने को घर, खाने को भोजन और कमाई के लिए नौकरी नहीं है। सरकार को उसका ख्याल रखना चाहिए था और उन्हें आश्वस्त करना चाहिए था कि उन्हें खाना और पैसा मिलेगा। लेकिन अब वे अपने घर वापस जाना चाहते हैं। ये बहुत ही परेशान करने वाला है, जिस तरह परिस्थिति को संभाला गया है।' 

भज्जी न कहा, 'किसी ने कभी सोचा भी नहीं था कि स्थिति इतनी खराब हो जाएगी कि शहरों को लॉकडाउन कर दिया जाएगा। चीजें इतनी तेजी से बदली कि यहां तक कि सरकार को भी सोचने का समय नहीं मिला। मैं समझ सकता हूं कि लोग क्यों अपने घर वापस जाना चाहते हैं, वे अपनों के साथ रहना चाहते हैं।'

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