नई दिल्ली, 6 मई: बीसीसीआई की प्रशासकीय समिति (सीओए) ने भारतीय क्रिकेट के चयनकर्ताओं और सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में जमा कराए संशोधित ड्राफ्ट में विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए ने अनुशंसा की है कि चयनकर्ताओं और सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति का अधिकार क्रिकेट एडवाइजरी कमिटी यानी क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को दे दिया जाए। सीएसी के पास अभी मुख्य कोच को नियुक्त करने का अधिकार है।
साथ ही सीओए चाहती है कि चयन समिति का कार्यकाल दो साल का हो। बहरहाल, एडवाइजरी कमिटी (सीएसी) में अभी तीन सदस्य- सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण हैं। इस समिति ने 2016 में पहला कोच नियुक्त किया था। तब अनिल कुंबले को टीम इंडिया का मुख्य कोच बनाया गया था। इसके बाद 2017 में सीएसी ने रवि शास्त्री को मुख्य कोच की जिम्मेदारी सौंपी। (और पढ़ें- IPL 2018: शिखर धवन का ये है सबसे खास फैन, मिलने पहुंचा तो टीम इंडिया के 'गब्बर' हुए भावुक)
हालांकि, अगर सीएसी को चयनकर्ताओं और सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति का अधिकार मिलता है तो कुछ मौकों पर टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। बता दें कि रवि शास्त्री को जब कोच नियुक्त किया गया तो वह अपना सपोर्ट स्टाफ ले आए थे और भरत अरुण को भारतीय टीम का बॉलिंग कोच नियुक्त किया। कोच की नियुक्ति के दौरान ये खबरें भी आई थीं कि वीरेंद्र सहवाग भी अपना सपोर्ट स्टाफ लाने चाहते थे।