Champions Trophy 2025: बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने लाहौर में भगवान राम के बेटे लव की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की, साझा कीं तस्वीरें

राजीव शुक्ला न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच प्रतिष्ठित गद्दाफी स्टेडियम में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का दूसरा सेमीफाइनल देखने के लिए पाकिस्तान गए थे।

By रुस्तम राणा | Updated: March 6, 2025 20:50 IST2025-03-06T20:50:12+5:302025-03-06T20:50:19+5:30

Champions Trophy 2025: BCCI Vice President Rajeev Shukla pays tribute at the tomb of Lord Ram's son Luv in Lahore, shares photos | Champions Trophy 2025: बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने लाहौर में भगवान राम के बेटे लव की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की, साझा कीं तस्वीरें

Champions Trophy 2025: बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने लाहौर में भगवान राम के बेटे लव की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की, साझा कीं तस्वीरें

CT 2025: बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने लाहौर में एक प्राचीन किले का दौरा किया, जहां भगवान राम के बेटे लव की प्राचीन समाधि है। शुक्ला न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच प्रतिष्ठित गद्दाफी स्टेडियम में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का दूसरा सेमीफाइनल देखने के लिए पाकिस्तान गए थे।

एक्स पर अपनी यात्रा की तस्वीरें साझा करते हुए, राजीव शुक्ला ने कहा, "लाहौर के प्राचीन क़िले में प्रभु राम के पुत्र लव की प्राचीन समाधि है लाहौर नाम भी उन्ही के नाम से है। वहाँ प्रार्थना का अवसर मिला। साथ में पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी जो इस समाधि का जीर्णोद्धार करवा रहे हैं। मोहसिन ने मुख्यमंत्री रहते यह काम शुरू करवाया था।"

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, "लाहौर के नगरपालिका रिकॉर्ड में कहा गया है कि शहर की स्थापना भगवान राम के बेटे लव के नाम पर की गई थी, जबकि कसूर शहर का नाम उनके दूसरे बेटे कुश के नाम पर रखा गया था।" बीसीसीआई उपाध्यक्ष ने कहा, "पाकिस्तान सरकार भी इस तथ्य को स्वीकार करती है।" कल शुक्ला ने कहा कि यह बहुत स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट की बहाली भारत सरकार की मंजूरी के अधीन है।

पाकिस्तान में मीडिया से बात करते हुए शुक्ला ने स्वीकार किया कि दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) के प्रशंसक एक-दूसरे की धरती पर द्विपक्षीय मैच खेलना चाहते हैं, न कि किसी तटस्थ स्थान पर। उन्होंने कहा, "हम (बीसीसीआई) सरकार के सामने अपनी बात रखते हैं लेकिन वे विचार-विमर्श के बाद फैसला करते हैं। जब सरकार कोई फैसला लेती है तो वह कई पहलुओं पर विचार करने के बाद करती है। यह उनका आंतरिक मामला है।"

Open in app