जन्मदिन विशेष: नवाब पटौदी, एक ऐसा क्रिकेटर जो एक आंख की रोशनी खोकर भी हमेशा 'टाइगर' की तरह खेला

मंसूर अली खान पटौदी को भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम कप्तानों में से एक गिना जाता है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: January 05, 2018 10:26 AM

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जिस कप्तान ने भारतीय क्रिकेट टीम को विदेशी धरती पर जीतना सिखाया और जिन्हें उनकी बेखौफ बैटिंग और फील्डिंग के कारण 'टाइगर' का निकनेम मिला उनका जन्म आज के ही दिन 1941 को भोपाल में हुआ था। इस महान क्रिकेट का नाम था मंसूर अली खान पटौदी। मंसूर अली खान पदौटी रियासत के नवाब थे। उन्हें भारत के महानतम कप्तानों में शुमार किया जाता है। उनकी कप्तानी में ही भारत ने 1967 में न्यूजीलैंड को उसकी ही धरती पर मात देते हुए विदेशी धरती पर अपनी सबसे पहली जीत दर्ज की थी। मंसूर अली खान का निधन 22 सितंबर 2011 को दिल्ली में हुआ।

पटौदी के नवाब ने महज 20 साल की उम्र में किया टेस्ट डेब्यूनवाब पटौदी के पिता इफ्तिखार अली पटौदी भी क्रिकेटर थे और वह 1930 में इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेले थे और चर्चित रही बॉडीलाइन सीरीज का हिस्सा रहे थे। लेकिन मंसूर अली खान भारत के लिए खेले और महानतम खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज कराया। उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू इंग्लैंड के खिलाफ 13 दिसंबर 1961 को किया था। मंसूर अली ने भारत के लिए अपने टेस्ट करियर में 46 मैचों में 34.91 की औसत से 2793 रन बनाए, जिनमें 6 शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने 310 प्रथम श्रेणी मैचों में 15425 रन बनाए, जिनमें 33 शतक और 75 अर्धशतक जड़ें हैं।

भारत के महानतम कप्तानों में शुमार हैं नवाब पटौदीनवाब पटौदी ने महज 21 साल की उम्र में 77 दिन की उम्र में भारत की कप्तानी की और दुनिया के सबसे युवा टेस्ट कप्तान बन गए। मई 2004 में जिम्बाब्वे के टाइदेंटा तायबू के कप्तान बनने तक उनका ये रिकॉर्ड कायम रहा था। लेकिन अभी भी भारत के सबसे युवा टेस्ट कप्तान होने का रिकॉर्ड उनके नाम पर हैं। भारत ने विदेशी धरती पर अपनी पहली टेस्ट सीरीज मंसूर अली खान पटौदी की ही कप्तानी में 1967 में न्यूजीलैंड के खिलाफ जीता था।

मंसूर अली खान पटौदी (Pic: Twitter)

दाएं आंख की रोशनी डेब्यू से पहले ही गंवा दी थीनवाब पटौदी ने 1 जुलाई 1961 में अपने टेस्ट डेब्यू से एक साल पहले ही एक कार ऐक्सिडेंट में अपने दाएं आंख की रोशनी गंवा दी थी। इसके बावजूद भी वह हिम्मत नहीं हारे और छह महीने बाद ही इंग्लैंड के खिलाफ दिसंबर 1961 में अपना टेस्ट डेब्यू किया और फिर अपने पूरे करियर में एक आंख की रोशनी न होने के बावजूद एक बेहतरीन क्रिकेटर के तौर पर खेले।

फेमस बॉलीवुड ऐक्ट्रेस शर्मिला टैगोर से की शादीमंसूर अली खान पटौदी ने 1969 में बॉलीवुड की फेमस ऐक्ट्रेस शर्मिला टैगोर से शादी की थी। इस शादी को क्रिकेट और बॉलीवुड की सबसे चर्चित शादियों में गिना जाता है। मंसूर अली खान पटौदी और शर्मिला के तीन बच्चे सैफ, सोहा और साबा हैं। शर्मिला बाद में सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष बनीं। सितंबर 2011 में टाइगर पटौदी की मौत के बाद उन्होंने उनकी बाईं आंख दिल्ली स्थित एक आई हॉस्पिटल को दान कर दी थी।

पाकिस्तान से भी रहा है कनेक्शननवाब पटौदी के रिश्ता पाकिस्तान से भी रहा है। उनके चचेरे भाई शहरयार खान पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं उनके चाचा नवाबजादा शेर अली खान पटौदी पाकिस्तान सेना में आर्मी जनरल थे।         

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