इंडियन प्रीमियर लीग में इस साल पहली बार डीआरएस यानी डिसीजन रिव्यू सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा, क्योंकि बीसीसीआई ने आईपीएल के 11वें सीजन के लिए डीआरएस के प्रयोग को मंजूरी दे दी है। इससे पहले बीसीसीआई आईपीएल में डीआरएस इस्तेमाल के पक्ष में नहीं थी।
इससे पहले बीसीसीआई का मानना था कि डीआरएस फुलप्रूफ नहीं है, लेकिन साल 2016 के अंत में जब इंग्लैंड ने भारत का दौरा किया तो उसमें डीआरएस का प्रयोग किया गिया था और बीसीसीआई इसके लिए तैयार हुई थी।
बीसीसीआई के अधिकारी ने बताया कि बोर्ड डीआरएस को लेकर काफी उत्सुक थी और इस साल हमने फैसला किया कि इसे आईपीएल में भी लागू किया जाए। टूर्नामेंट में सभी अच्छे नियम लागू होते हैं तो फिर डीआरएस क्यों नहीं। पिछले डेढ़ साल से हम भारत के अंतर्राष्ट्रीय मैचो में इसका प्रयोग कर ही रहे हैं।
बता दें कि 6 अप्रैल को ओपनिंग सेरेमनी के साथ आईपीएल की शुरुआत होगी, जबकि 11वें सीजन का पहला मैच मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच मुंबई में शाम 8 बजे से खेला जाएगा। इस साल आईपीएल का आयोजन 7 अप्रैल से 31 मई तक खेला जाएगा, जिसमें आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं।
बीसीसीआई ने पिछले साल दिसंबर में आईपीएल को ध्यान में रखते हुए देश के 10 अंपायरों की एक वर्कशॉप का आयोजन किया था। आईसीसी के अंपायरों के कोच डेनिस बर्न्स और ऑस्ट्रेलिया के अंपायर पॉल रीफेल ने भारतीय अंपायरों को नई तकनीक से अवगत कराया था।