बुकी के संपर्क में था 2011 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम का एक खिलाड़ी, IPL फिक्सिंग जांचकर्ता का दावा

IPL investigator: आईपीएल भ्रष्टाचार की जांच करने वाले एक अधिकारी ने दावा किया है कि एक भारतीय खिलाड़ी बुकी के संपर्क में था

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: August 23, 2018 10:42 IST2018-08-23T10:42:31+5:302018-08-23T10:42:31+5:30

A top Indian cricketer was in touch with a known bookie, claims IPL investigator BB Misra | बुकी के संपर्क में था 2011 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम का एक खिलाड़ी, IPL फिक्सिंग जांचकर्ता का दावा

एक भारतीय खिलाड़ी था बुकी के संपर्क में, जांचकर्ता का दावा

नई दिल्ली, 23 अगस्त: आईपीएल 2013 स्पॉट फिक्सिंग जांच के लिए नियुक्त एक सीनियर पुलिस जांचकर्ता ने दावा किया है कि 2011 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम का एक खिलाड़ी 2008-09 सीजन के दौरान एक इंटरनेशनल मैच से पहले एक ज्ञान बुकी के संपर्क में था। इस अधिकारी के मुताबिक उस खिलाड़ी के बुकी के साथ बातचीत के ऑडियो रिकॉर्ड भी उन्हें मिल गए थे और बुकी सबूत देने के लिए तैयार था लेकिन बाद में वह पीछे हट गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2013 आईपीएल भ्रष्टाचार की जांच के लिए पुलिस अधिकारी बीसी मिश्रा को मुख्य जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। मिश्रा ने कहा कि वह इस मामले को इसलिए नहीं सुलझा सके क्योंकि इनके पास समय नहीं था। उन्होंने कहा कि कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा से पहले उन्होंने इस बुकी से बात की थी-लेकिन ये उनके चार्टर का हिस्सा नहीं था।

मिश्रा ने नौ खिलाड़ियों की जांच की थी लेकिन उन्हें सिर्फ अधिकारियों की जांच की रिपोर्ट सौंपनी थी। बुकी के साथ उस भारतीय खिलाड़ी की कथित बातचीत के बारे में मिश्रा ने कहा, 'इसमें एक उदाहरण भारत में खेले गए एक इंटरनेशनल मैच से संबंधित है। लेकिन मैं उस घटना को तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने तक उसकी जांच नहीं कर सका।  यह बात एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के दौरान हुई, शायद मैच से सिर्फ एक या दो दिन पहले। यह 2008-09 में हुआ था।'

हालांकि मिश्रा ने उस खिलाड़ी का नाम बताने से इनकार कर दिया और कहा, 'ये फोन पर हुई बातचीत (खिलाड़ी और बुकी के बीच) थी जो रिकॉर्ड हुई थी। इसकी जांच में काफी समय लगता। फोन में दो आवाजें थीं। कथित तौर पर एक खिलाड़ी की और दूसरी बुकी की। अगर मुझे जांच करनी होती, तो मुझे उस खिलाड़ी और बुकी का वॉयस सैंपल लेना पड़ता। फिर से फॉरेसिंक जांच के लिए भेजना पड़ता। इसमें एक महीना लग जाता। और फिर मैं ये क्यों करता जबकि ये मेरी जांच का हिस्सा नहीं था। ये किया जा सकता था अगर हमारे पास ज्यादा समय होता...हमें खिलाड़ी और बुकी को आमने-सामने लाने का मौका नहीं मिला। मैं बुकी से बात करने में सफल रहा। उसने कहा कि वह खिलाड़ी के संपर्क में था।' 

मिश्रा ने कहा, 'मैं बुकी से मिली इस जानकारी के साथ खिलाड़ी से मिल कर सकता था। लेकिन वह सबूत बुकी से नहीं मिला, हालांकि मैं जानता हूं कि सबूत था, लेकिन मैं इसका पीछा नहीं कर सका। मैं इस विशेष उदाहरण को जानता हूं जब बुकी ने किसी और पर भरोसा किया था, मुझे जानकारी मिल गई थी, बुकी ने मेरे सामने भी जानकारी स्वीकार की थी, वह सबूत देने का इच्छुक था लेकिन आखिरी मिनट पर वह पलट गया।'

मिश्रा ने कहा कि वह इसकी जांच नहीं कर सके क्योंकि ये उनके विशेषाधिकार का हिस्सा नहीं था। उन्होंने कहा, मुझे एन श्रीनिवासन (पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष), गुरुनाथ मयप्पन, राज कुंद्रा और सुंदर रमन (पूर्व आईपीएल सीओओ) के खिलाफ आरोपों पर ध्यान देना था। ये बहुत केंद्रित जांच थी और इन चारों पर केंद्रित थी। खिलाड़ियों (नौ) के खिलाफ आरोपों को भी देखना था।

मिश्रा ने कहा, 'खिलाड़ियों के खिलाफ पर्याप्त आरोप थे। सिर्फ एक नहीं, नौ खिलाड़ियों के खिलाफ। हमने दोनों की जांच की। सिर्फ एक अंतर ये रहा कि चारों अधिकारियों के खिलाफ जांच को ही सार्वजनिक किया गया।' 

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल भ्रष्टाचार पर अपना अंतिम निर्णय सुनाया है-जिसमें खिलाड़ियों से जुड़ी जांच के पहलू को किनारे कर दिया गया-मिश्रा द्वारा खिलाड़ियों के बारे में की गई जांच अभी भी कोर्ट के पास है।

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