पूर्व क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री चेतन चौहान ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का सालाना करार रोके जाने के फैसले की आलोचना की है। चौहान ने कहा है कि इस मामले का क्रिकेट से कोई लेनादेना नहीं है।
चौहान ने कहा, 'मेरे ख्याल से बीसीसीआई को मोहम्मद शमी का करार नहीं रोकना चाहिए क्योंकि इस मामले का क्रिकेट से कोई लेनादेना नहीं है और अभी उन्हें दोषी भी नहीं पाया गया है।' चौहान ने इस मुद्दे को शमी का निजी मामला करार दिया।
बीसीसीआई को चलाने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) ने पत्नी हसीन जहां द्वारा घरेलू हिंसा का आरोप लगाए जाने के बाद मोहम्मद शमी का सालाना करार रोक दिया था। हसीन जहां ने शमी पर कई एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करने और उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। (पढ़ें: मोहम्मद शमी की मुश्किलें बढ़ीं, IPL खेलने पर भी मंडराए संकट के बादल!)
खिलाड़ियों के नए करार जारी करने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) ने कहा कि वह शमी के करार पर फैसला लेने से पहले तथ्यों की जांच और उनकी पुष्टि करेगी। (पढ़ें: मोहम्मद शमी पर रेप से लेकर जान से मारने की कोशिश का आरोप, इन 7 धाराओं के तहत FIR दर्ज)
शुक्रवार को पत्नी की शिकायत के बाद शमी और उनके परिवारवालों के खिलाफ आईपीसी की कई जमानती और गैर-जमानती धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।