Highlights9 नवंबर को सुनाया गया राम जन्मभूमि पर ऐतिहासिक फैसला।रामजन्मभूमि न्यास को दी गई विवादित जमीन।सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर की सुबह अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को दी है। केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाएगी जो मंदिर का निर्माण कराएगी। यह जमीन अभी केंद्र सरकार के पास रहेगी और बाद में ट्रस्ट को दी जाएगी।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वसम्मति यानी 5-0 से आया है।
टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ट्वीट किया। सहवाग ने भगवान राम की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- श्री राम.. जय राम.. जय-जय राम...
बता दें कि इस स्थान पर 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद थी जिसे कार सेवकों ने छह दिसंबर, 1992 को गिरा दिया था। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल थे। पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाये, हालांकि इसका कब्जा केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा।
इस बीच, एक मुस्लिम पक्षकार के वकील जफरयाब जीलानी ने फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुये कहा कि फैसले का अध्ययन करने के बाद अगली रणनीति तैयार की जायेगी।
दूसरी ओर, निर्मोही अखाड़े ने कहा कि उसका दावा खारिज किये जाने का उसे कोई दु:ख नहीं है। संविधान पीठ ने 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- के बीच बराबर बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी।