ईडी ने कहा- 'छत्तीसगढ़ में 175 करोड़ रुपये का चावल घोटाला हुआ', भूपेश सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 23, 2023 20:56 IST2023-10-23T20:55:01+5:302023-10-23T20:56:30+5:30

प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ ‘मार्कफेड’ के पूर्व प्रबंध निदेशक और एक स्थानीय चावल मिल मालिक एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने ‘ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के फायदे’ के लिए 175 करोड़ रुपये की रिश्वत जुटायी।

ED said Rs 175 crore rice scam in Chhattisgarh problems for Bhupesh government | ईडी ने कहा- 'छत्तीसगढ़ में 175 करोड़ रुपये का चावल घोटाला हुआ', भूपेश सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फाइल फोटो)

Highlightsभूपेश बघेल सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती हैप्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘घोटाले’ का आरोप लगाया 175 करोड़ रुपये के चावल घोटाले का आरोप

रायपुर: चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भूपेश बघेल सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में एक और ‘घोटाले’ का आरोप लगाया है। इस सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ ‘मार्कफेड’ के पूर्व प्रबंध निदेशक और एक स्थानीय चावल मिल मालिक एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने ‘ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के फायदे’ के लिए 175 करोड़ रुपये की रिश्वत जुटायी।

पिछले कुछ महीनों में ईडी ने कोयला लेवी, शराब शुल्क और एक अवैध ऑनलाइन जुआ ऐप से जुड़े ‘घोटाले’ का पर्दाफाश करने का दावा किया है। ईडी ने दावा किया है कि इन सभी प्रकरणों में स्थानीय नेताओं और नौकरशाहों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की रिश्वत राशि जुटायी गयी। उसने अब तक उपरोक्त मामलों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के कई अधिकारियों, एक पुलिस अधिकारी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया है। ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया कि धान से चावल निकालने की प्रक्रिया पर प्रोत्साहन राशि से जुड़े नवीनतम ‘घोटाले’ में उसे 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व प्रबंध निदेशक मनोज सोनी, राज्य धान मिल मालिक संघ के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर समेत उसके कुछ पदाधिकारियों, जिला विपणन अधिकारियों (डीएमओ), कुछ मिल मालिकों के खिलाफ तलाशी के बाद इसी तरह की साठगांठ का पता चला।

ईडी ने कहा कि धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत उसकी आपराधिक कार्रवाई राज्य की राजधानी रायपुर में एक अदालत में आयकर विभाग द्वारा दर्ज शिकायत पर आधारित है। कर विभाग ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ धान मिल मालिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने राज्य विपणन फेडरेशन लिमिटेड (मार्कफेड) के अधिकारियों के साथ साठगांठ की तथा उस विशेष प्रोत्साहन राशि का दुरूपयोग करने की साजिश ‘रची’ जो धान से चावल निकालने की प्रक्रिया पर मिल मालिकों को राज्य सरकार द्वारा प्रति क्विंटल चावल पर 40 रुपये के रूप में दी जाती है। छत्तीसगढ़ को चावल के अधिक उत्पादन के लिए ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है। ईडी ने कहा कि 40 रुपये की इस राशि को काफी बढ़ाकर 120 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया तथा उसका भुगतान 60-60 रुपये की दो किश्तों में किया जाता था।

ईडी ने कहा, ‘अपने कोषाध्यक्ष चंद्राकर के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ चावल मिल मालिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मार्कफेड के प्रबंध निदेशक सोनी के साथ मिलीभगत की तथा मिल मालिकों से धान से चावल निकालने पर प्रति क्विंटल पर 20 रुपये की रिश्वत वसूलना शुरू किया। जिन मिल मालिकों ने नकद राशि दी, उनका ब्योरा जिला मिल मालिक एसोसिएशन ने संबंधित डीएमओ के पास भेजा।’

ईडी ने कहा कि इन मिल मालिकों के बिल मिलने पर डीएमओ उनका संबंधित जिला मिल मालिक एसोसिएशन से प्राप्त विवरण से मिलान करते थे और यह सूचना मार्कफेड प्रमुख कार्यालय तक पहुंचायी जाती। उसने आरोप लगाया है कि ‘जिन मिल मालिकों ने एसोसिएशन को नकद राशि दी, केवल उनके ही बिल को मार्कफेड ने भुगतान के लिए मंजूर किया। ईडी जांच में पाया गया कि विशेष भत्ते को प्रति क्विंटल 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये प्रति क्विंटल किये जाने के आधार पर 500 करोड़ रुपये जारी किये गये तथा उससे 175 करोड़ रुपये की ‘रिश्वत’ जुटायी गयी जिसे चंद्राकर ने ‘ऊंचे पदों पर बैठे लोगों’ के फायदे के लिए सोनी की सक्रिय मदद से जमा किया। जांच एजेंसी ने कहा कि उसने छापे के दौरान ‘अभियोजन योग्य सामग्री, डिजिटल उपकरण तथा बिना लेखा-जोखा की 1.06 करोड़ रुपये की नकदी जब्त किये। 

Web Title: ED said Rs 175 crore rice scam in Chhattisgarh problems for Bhupesh government

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