रायपुर में भाजपा पर्यवेक्षकों की बैठक शुरू, लंच पर विधायकों से होगी मुलाकात, मुख्यमंत्री को लेकर अनिश्चितता खत्म होगी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: December 10, 2023 10:46 AM2023-12-10T10:46:54+5:302023-12-10T10:48:13+5:30

2003 से 2018 तक तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके रमन सिंह को फिर से सीएम बनाए जाने की संभावना कम है। माना जा रहा है कि किसी ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) या आदिवासी समुदाय से मुख्यमंत्री को चुना जा सकता है।

Chhattisgarh BJP observers meeting begins in Raipur will meet MLAs over lunch uncertainty about Chief Minister | रायपुर में भाजपा पर्यवेक्षकों की बैठक शुरू, लंच पर विधायकों से होगी मुलाकात, मुख्यमंत्री को लेकर अनिश्चितता खत्म होगी

रायपुर में भाजपा पर्यवेक्षकों की बैठक

Highlightsराज्य की आबादी में आदिवासी समुदाय की हिस्सेदारी 32 फीसदी है भाजपा ने इस बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 29 सीट में से 17 सीट जीती हैंछत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 54 सीट जीती हैं

रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधायक दल का नेता चुनने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित 54 विधायकों की अहम बैठक हो रही है। छत्तीसगढ़ के लिए भाजपा पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, अर्जुन मुंडा, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और छत्तीसगढ़ भाजपा प्रमुख अरुण साव ने रायपुर में भाजपा कार्यालय में मुलाकात की।

इस बैठक के बाद राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर अनिश्चितता की स्थिति खत्म होने की संभावना है। भाजपा ने पिछले महीने विधानसभा चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी, जिसके कारण इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री कौन होगा।

सर्बानंद सोनोवाल, अर्जुन मुंडा, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम दोपहर लंच के समय विधायकों से मिलेंगे। इसके बाद दो बजे फिर से बैठक होगी। पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और राज्य के लिए पार्टी के सह-प्रभारी नितिन नबीन भी वहां मौजूद रहेंगे।

माथुर शनिवार शाम को रायपुर में स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा पहुंचे। भाजपा विधायकों की बैठक के बारे में पूछे जाने पर माथुर ने कहा, "हमारी पार्टी के पर्यवेक्षक आ रहे हैं और हम उनके (रविवार की बैठक में) निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।  मुख्यमंत्री चुनने का कोई फॉर्मूला नहीं है। भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा निर्धारित प्रणाली का पालन किया जाएगा।"

माथुर ने यह भी विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ में 2024 के संसदीय चुनावों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा। वर्ष 2018 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने राज्य की कुल 11 सीट में से नौ सीट जीती थीं जबकि कांग्रेस को केवल दो सीट मिली थीं।

बता दें कि  छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 54 सीट जीती हैं। वहीं 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस 35 सीट पर सिमट गई है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही।

इससे पहले 2003 से 2018 तक तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके रमन सिंह को फिर से सीएम बनाए जाने की संभावना कम है। माना जा रहा है कि किसी ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) या आदिवासी समुदाय से मुख्यमंत्री को चुना जा सकता है। आदिवासी समुदाय से आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय, विधायक चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रेणुका सिंह, राज्य के पूर्व मंत्री रामविचार नेताम और लता उसेंडी तथा विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने वाली गोमती साय दावेदारों में शामिल हैं। राज्य की आबादी में आदिवासी समुदाय की हिस्सेदारी 32 फीसदी है और भाजपा ने इस बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 29 सीट में से 17 सीट जीती हैं।

Web Title: Chhattisgarh BJP observers meeting begins in Raipur will meet MLAs over lunch uncertainty about Chief Minister

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