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व्हाट्सऐप ने कहा निजता नीति स्वीकर करने के लिए भेजते रहेंगे संदेश, सेवाओं में नहीं होगी कटौती

By भाषा | Updated: June 3, 2021 17:47 IST

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नयी दिल्ली, तीन जून व्हाट्सऐप ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपनी निजता नीति को स्वीकर न करने वाले उपयोगककर्ताओं के लिए अपनी सेवाओं की सुविधा में किसी तरह की कमी नहीं करेगा लेकिन उन्हें नीति अद्यतन के बारे में याद दिलाने के लिये संदेश भेजता रहेगा।

कंपनी ने कहा कि नीति में हालिया बदलाव से लोगों के निजी संदेशों की निजता नहीं बदलती और वह सरकार को पत्र लिखकर पहले ही इस बात का भरोसा दिलाने की कोशिश कर चुका है कि उपयोगकर्ताओं की निजता उसके लिए सर्वोपरि है।

सरकार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि व्हाट्सऐप निजी डेटा सुरक्षा (पीडीपी) विधेयक के कानून का रूप लेने से पहले अपने उपयोगकर्ताओं को रोज बार-बार संदेश भेजकर अपनी नयी निजता नीति को स्वीकर करने के लिए "मजबूर" कर रही है।

सरकार ने अदालत से इस पर रोक लगाने के लिए कंपनी को निर्देश देने की मांग की है।

कंपनी के एक प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए भेजे एक बयान में कहा, "हम यह बात दोहराते हैं कि हम पहले ही भारत सरकार को जवाब दे चुके हैं और उन्हें आश्वस्त कर चुके हैं कि उपयोगकर्ताओं की निजता हमारे लिए सर्वोपरि है।"

फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ने जोर देते हुये कहा कि उसकी विवादित निजता नीति से आने वाले सप्ताह में व्हाट्सऐप से जुड़ी सुविधाओं को सीमित नहीं करेगी।

प्रवक्ता ने कहा, "इसके बजाए हम उपयोगकर्ताओं को समय समय पर अद्यतन नीति के बारे में याद दिलाते रहेंगे और फेसबुक द्वारा समर्थित किसी व्यापार खाते के साथ बातचीत करने जैसी महत्वपूर्ण वैकल्पिक सुविधाओं का इस्तेमाल चुनने को लेकर जानकारी देते रहेंगे।"

प्रवक्ता ने कहा कि हालिया अपडेट लोगों के निजी संदेश की निजता को नहीं बदलता और अगर लोग इसका विकल्प चुनते हैं तो इसका उद्देश्य लोगों को व्यापार खातों के साथ बातचीत करने के तरीके से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी देना है।

उन्होंने कहा कि कंपनी कम से कम आगामी पीडीपी कानून के प्रभाव में आने तक ऐसा करती रहेगी।

गौरतलब है कि सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिये नये आईटी नियमों की घोषणा की है। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं।

प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नये नियमों के अनुपालन के लिये तीन महीने का समय दिया गया था। इस श्रेणी में उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रखा जाता है, जिनके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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