क्या है पीएम ई-ड्राइव योजना?, 9.6 लाख रुपये तक प्रोत्साहन, कैसे उठाएं फायदा, जानिए नियम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 11, 2025 18:45 IST2025-07-11T18:43:55+5:302025-07-11T18:45:18+5:30

वाहन संख्या में डीजल ट्रक की केवल तीन प्रतिशत हिस्सेदारी होने के बावजूद परिवहन-संबंधी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में इसका योगदान 42 प्रतिशत है।

What PM E-Drive Scheme Incentive up to Rs 9-6 lakh, how avail benefit, know rules Government launched scheme promote electric trucks  | क्या है पीएम ई-ड्राइव योजना?, 9.6 लाख रुपये तक प्रोत्साहन, कैसे उठाएं फायदा, जानिए नियम

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Highlights5,600 इलेक्ट्रिक ट्रकों को समर्थन देने की योजना है।नेतृत्व द्वारा निर्देशित यह, इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए पहली योजना है। ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देगा, स्थानीयकरण को प्रोत्साहित करेगा।

नई दिल्लीः भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने सरकार की पीएम ई-ड्राइव पहल के तहत इलेक्ट्रिक ट्रकों की खरीद पर ग्राहकों को 9.6 लाख रुपये तक के प्रोत्साहन देने की योजना शुक्रवार को शुरू की। यह पहली बार है जब इलेक्ट्रिक ट्रक की खरीद को बढ़ावा देने के लिए योजना लायी गयी है। इस योजना के तहत 10,900 करोड़ रुपये के बजट में से 500 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए निर्धारित किए गए हैं। बंदरगाह, लॉजिस्टिक, सीमेंट और इस्पात सहित अन्य उद्योग इस योजना के प्रमुख लाभार्थी होंगे। इसके तहत 5,600 इलेक्ट्रिक ट्रकों को समर्थन देने की योजना है।

कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘ कुल वाहन संख्या में डीजल ट्रक की केवल तीन प्रतिशत हिस्सेदारी होने के बावजूद परिवहन-संबंधी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में इसका योगदान 42 प्रतिशत है। ये वायु प्रदूषण को काफी बढ़ा देते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व द्वारा निर्देशित यह, इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए पहली योजना है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह हमारे देश को पर्यावरण अनुकूल तरीके से माल ढुलाई परिवहन, स्वच्छ भविष्य और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में ले जाएगा। यह 2070 तक हमारे शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य के अनुरूप है।’’ कुमारस्वामी ने बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि यह प्रयास ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देगा, स्थानीयकरण को प्रोत्साहित करेगा।

लॉजिस्टिक लागत को कम करेगा और ईवी एवं बैटरी मूल्य श्रृंखलाओं में हरित रोजगार सृजित करेगा। मंत्री ने कहा, ‘‘ इलेक्ट्रिक दोपहिया व तिपहिया वाहन में प्रगति और 10,900 ई-बसों (भारत की सबसे बड़ी) के लिए निविदा के साथ यह ‘विकसित भारत 2047’ की हमारी यात्रा में एक और बड़ी उपलब्धि है।

मैं सभी पक्षों, ट्रांसपोर्टर, मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) और उद्योगों से आग्रह करता हूं कि वे पर्यावरण अनुकूल परिवहन की ओर इस परिवर्तनकारी बदलाव में हमारे साथ जुड़ें।’’ अधिकारियों ने कहा कि इस योजना में दिल्ली में पंजीकृत करीब 1,100 ई-ट्रक के लिए प्रोत्साहन राशि आरक्षित है। इससे राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के समाधान में मदद मलेगी।

इसके लिए करीब 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। ई-ट्रकों के लिए प्रोत्साहन प्राप्त करने हेतु पुराने प्रदूषणकारी ट्रकों को हटाना अनिवार्य है। भारी उद्योग मंत्रालय ने कहा, ‘‘ किफायती रुख को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन इलेक्ट्रिक ट्रक के सकल वाहन भार पर निर्भर करेगा और अधिकतम 9.6 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्राप्त किया जा सकता है।

ये प्रोत्साहन खरीद मूल्य में एकमुश्त कटौती के रूप में प्रदान किए जाएंगे और मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को पीएम ई-ड्राइव मंच के माध्यम से ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दिए जाएंगे।’’ इस योजना के तहत, केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर) के तहत परिभाषित एन2 और एन3 श्रेणी (मध्यम एवं भारी माल ढुलाई के लिए) के इलेक्ट्रिक ट्रकों पर भी मांग प्रोत्साहन लागू किया जाएगा।

एन2 श्रेणी में 3.5 टन से अधिक और 12 टन तक के सकल वाहन भार (जीवीडब्ल्यू) वाले ट्रक शामिल हैं जबकि एन3 श्रेणी में 12 टन से अधिक और 55 टन तक के जीवीडब्ल्यू वाले ट्रक शामिल हैं। इलेक्ट्रिक ट्रकों की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए विनिर्माता एक व्यापक विनिर्माता-समर्थित वारंटी प्रदान करेंगे। इसमें बैटरी के लिए पांच साल या पांच लाख किलोमीटर की वारंटी शामिल होगी जबकि वाहन एवं मोटर के लिए वारंटी पांच साल या 2.5 लाख किलोमीटर (जो भी पहले हो) होगी। कई मूल उपकरण विनिर्माताओं ने भारत में इलेक्ट्रिक ट्रकों का विनिर्माण शुरू कर दिया है।

भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव कामरान रिजवी ने कहा, ‘‘ फेम योजना में इलेक्ट्रिक ट्रकों का कोई घटक नहीं था और यह पहली बार है कि सरकार ग्राहक-केंद्रित इलेक्ट्रिक ट्रक योजना शुरू कर रही है... इसका मतलब है कि ‘पीएलआई वाहन’ योजना के तहत इलेक्ट्रिक ट्रक विनिर्माता प्रोत्साहन के पात्र हैं।

यह एक ऐसी योजना है जिसमें हम ग्राहकों को उचित सब्सिडी प्रदान करके सीधे इलेक्ट्रिक ट्रक खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं..’’ ‘फेम’ योजना भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना और उनका विनिर्माण से जुड़ी हे। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पिछले महीने एक इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस को मान्यता दी गई और अन्य ओईएम इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस बनाने की प्रक्रिया में हैं।

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