क्या है महिला सूर्य सखी योजना?, 100000 के जरिए गांव-गांव तक सौर ऊर्जा की रोशनी पहुंचाने की बात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 26, 2025 20:18 IST2025-08-26T20:17:41+5:302025-08-26T20:18:48+5:30

बेटियों और महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है और ग्रामीण विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं।

What Mahila Surya Sakhi Yojana talk providing solar energy every village through Rs 100000 | क्या है महिला सूर्य सखी योजना?, 100000 के जरिए गांव-गांव तक सौर ऊर्जा की रोशनी पहुंचाने की बात

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Highlightsयोजनाओं में भागीदारी बढ़ाने के लिए “महिला सूर्य सखी” से जोड़ने जा रही है।विकेंद्रीकृत ऊर्जा’ (डीआरई) नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।डीआरई को धरातल पर उतारने के लिए खाका खींचेंगे।

लखनऊः उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने एक लाख ‘सूर्य सखियों’ के जरिये गांव-गांव तक सौर ऊर्जा की रोशनी पहुंचाने की योजना बनाई है। राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रदेश की बेटियों और महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है और ग्रामीण विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं।

इसी के तहत सरकार स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सोलर पैनल, लाइटिंग, ईवी चार्जिंग समेत सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं में भागीदारी बढ़ाने के लिए “महिला सूर्य सखी” से जोड़ने जा रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी के मार्गदर्शन में बुधवार को ‘महिलाओं की मजबूत आर्थिक स्थिति के लिए विकेंद्रीकृत ऊर्जा’ (डीआरई) नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

वर्ष 2030 तक एक लाख महिला नेतृत्व वाले उद्यमों तक डीआरई को पहुंचाना है। इसके जरिये जहां सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से इजाफा होगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण और शहरी महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी। इस कार्यक्रम में देश और विदेश के सौर ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे और डीआरई को धरातल पर उतारने के लिए खाका खींचेंगे।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) की निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें डीआरई को बढ़ावा देना एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा डीआरई पहल महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने की दिशा में एक नया कदम है।

दीपा रंजन के मुताबिक डीआरई ऑफ-ग्रिड यानी मिनी ग्रिड ऊर्जा समाधानों से संबंधित है, ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में पारंपरिक बिजली नेटवर्क पहुंचने में काफी परेशानी होती है, वहां डीआरई घरों और समुदायों को स्वच्छ, सस्ती और विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान करेगा।

निदेशक ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभाग ने कई महत्वपूर्ण संस्थाओं के साथ साझेदारी की है। इसमें पीसीआई इंडिया, एचसीबीसी, ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लेनेट, गेट्स फाउंडेशन इंडिया और प्रेरणा ओजस जैसी संस्थाएं शामिल हैं।

यह संस्थाएं प्रदेश के 20 जिलों में डीआरई को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाएंगी। इन संस्थाओं के सहयोग से महिलाओं के लिए एक समावेशी और लचीला स्वच्छ ऊर्जा तंत्र का निर्माण किया जाएगा।

Web Title: What Mahila Surya Sakhi Yojana talk providing solar energy every village through Rs 100000

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