नई दिल्लीः भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने गुरुवार को कहा कि वह देश लौटने पर "गंभीरता से विचार" करेंगे। लेकिन केवल तभी जब उन्हें भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा निष्पक्ष सुनवाई की गारंटी दी जाए। अगर मुझे भारत में निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन का उचित आश्वासन मिलता है, तो मैं इसके बारे में (भारत लौटने पर) गंभीरता से विचार करूंगा। माल्या ने भारतीय कंटेंट क्रिएटर राज शमनी के साथ पॉडकास्ट बातचीत के दौरान कहा कि रुख में संभावित बदलाव का संकेत देता है।
भारत में "भगोड़ा" और "चोर" के रूप में टैग किए जाने पर माल्या ने कहा कि आप मुझे भगोड़ा कह सकते हैं, लेकिन मैं भागा नहीं था। ठीक है कि मैं उन कारणों से वापस नहीं लौटा जो मुझे लगता है कि वैध हैं... इसलिए यदि आप मुझे भगोड़ा कहना चाहते हैं, तो कहें, लेकिन 'चोर' (चोर) कहां से आ रहा है... 'चोरी' (चोरी) कहां से आ रही है?
माल्या ने दावा किया था कि बैंकों ने उनसे 6,203 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले 14,100 करोड़ रुपये वसूले हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि बैंकों से राहत पाने वाले अन्य डिफॉल्टरों के मुकाबले उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। माल्या ने दिसंबर 2024 और पिछले फरवरी में भी इसी तरह के दावे किए थे।
आरसीबी और किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक ने यह भी दोहराया कि बैंकों से राहत पाने वाले अन्य डिफॉल्टरों के विपरीत उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। माल्या ने दिसंबर 2024 और पिछले फरवरी में भी इसी तरह के दावे किए थे। माल्या आरपीजी ग्रुप के चेयरपर्सन हर्ष गोयनका की एक पोस्ट का जवाब दे रहे थे।
विजय माल्या ने दावा किया है कि भारतीय बैंकों के पास उनकी 14,131.6 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां है जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बकाया कर्ज से दोगुना से भी अधिक है। माल्या ने वित्त मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 में जानबूझकर चूक करने वालों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की वसूली के विवरण का कथित संदर्भ देते हुए कहा कि बैंकों ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण के दिए गए 6,203 करोड़ रुपये के मुकाबले 14,131.8 करोड़ रुपये पहले ही वसूल लिए हैं।
माल्या ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ऋण वसूली न्यायाधिकरण के निर्णय के अनुसार, 6,203 करोड़ रुपये के कर्ज के खिलाफ 14,131.8 करोड़ रुपये की वसूली की गई। इसका सबूत मेरे यूके (यूनाइटेड किंगडम) दिवाला निरस्त करने के आवेदन में है। मुझे आश्चर्य है कि बैंक ब्रिटेन की अदालत में क्या कहेंगे।’’
रिपोर्ट में माल्या और 10 अन्य भगोड़े आर्थिक अपराधियों का विवरण साझा करते हुए कहा गया है कि 36 व्यक्तियों के संबंध में विभिन्न देशों को कुल 44 प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे गए हैं। मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, माल्या के मामले में कुर्क की गई 14,131.6 करोड़ रुपये की संपत्तियां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के हवाले कर दी गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रयासों के परिणामस्वरूप विभिन्न भगोड़े आर्थिक अपराधियों और अन्य आरोपियों के प्रत्यर्पण में विदेश में सक्षम न्यायालय के समक्ष सफल प्रतिनिधित्व हुआ है। इसमें कहा गया, ‘‘इस संबंध में, यह उल्लेख करना उचित है कि ब्रिटेन की अदालत ने अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों और भारतीय दूतावास के साथ समन्वय के साथ प्रवर्तन निदेशालय के प्रभावी प्रतिनिधित्व के बाद कुछ बड़े आरोपियों को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दी है।’’
ऋण वसूली न्यायाधिकरण की बेंगलुरु की पीठ ने 2017 में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले बैंकों के समूह को किंगफिशर एयरलाइंस मामले में समस्याओं में फंसे माल्या और उनकी कंपनियों से 11.5 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर पर 6,203 करोड़ रुपये वसूलने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।
माल्या मार्च, 2016 में ब्रिटेन भाग गये थे। वह कई बैंकों द्वारा पूर्ववर्ती किंगफिशर एयरलाइंस (केएफए) को दिए गए 9,000 करोड़ रुपये के ऋण को न चुकाने के मामले में भारत में वांछित हैं। भारत, ब्रिटेन से माल्या के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है। उद्योगपति के अनुसार उन्होंने पूर्व में ‘सार्वजनिक राशि’ का 100 प्रतिशत चुकाने की पेशकश की थी, बैंकों और सरकार ने उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।