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स्मार्टफोन पर सब्सिडी देने के लिए यूएसओ फंड का इस्तेमाल करें: अंबानी

By भाषा | Updated: December 8, 2021 14:42 IST

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नयी दिल्ली, आठ दिसंबर रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने डिजिटल क्रांति में मदद के लिए चुनिंदा समूहों को स्मार्टफोन पर सब्सिडी देने के लिए यूएसओ (यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन) फंड का इस्तेमाल करने की वकालत की।

उन्होंने साथ ही कहा कि कि देश में ब्रॉडबैंड सेलुलर नेटवर्क के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता के तौर पर 5जी या पांचवीं पीढ़ी के प्रौद्योगिकी मानक पेश किए जाने चाहिए।

दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले लाइसेंस शुल्क का पांच प्रतिशत ‘यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन’ फंड में जाता है। इसे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में टेलीफोन सेवाओं तक पहुंच प्रदान करके सार्वभौमिक सेवा उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा इन क्षेत्रों में मोबाइल सेवाओं एवं ब्रॉडबैंड की खातिर ढांचे के निर्माण के लिए अप्रैल 2002 में स्थापित किया गया था।

हालांकि, नियंत्रक और महालेख परीक्षक (कैग) के अनुसार, इस प्रकार एकत्र किए जाने वाले धन के आधे से भी कम हिस्से का इस्तेमाल इन उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

अंबानी ने बुधवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को 2जी से 4जी और 5जी तक बढ़ने का काम जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "सामाजिक-आर्थिक स्थिति के लिहाज से सबसे नीचे आने वाले लाखों भारतीयों को 2जी तक सीमित रखने का मतलब उन्हें डिजिटल क्रांति के लाभों से वंचित करना है।"

रिलायंस इंडस्ट्रीज की अनुषंगी जियो ने 2016 में सस्ते मोबाइल डेटा और कनेक्टिविटी की शुरूआत कर क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाया था। वह अब 4जी एवं 5जी के कार्यान्वयन और ब्रॉडबैंड बुनियादी ढांचे के विस्तार पर ध्यान दे रही है।

4जी और 5जी नेटवर्क के लिए स्मार्टफोन की जरूरत होती है। देश में अनुमानित 28 करोड़ मोबाइल फोन उपयोगकर्ता अभी भी बेसिक या फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं। उन लोगों के लिये शुरूआती स्तर के स्मार्ट फोन अब भी महंगे हैं।

इसे ध्यान में रखते हुए, अंबानी ने कहा कि भारत में मोबाइल ग्राहक आधार के अभूतपूर्व तेजी से विस्तार में चीजों के किफायती होने से सबसे बड़ी मदद मिली है।

शीर्ष उद्योगपति ने कहा, "हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि भारत में मोबाइल ग्राहक आधार के अभूतपूर्व तेजी से विस्तार में चीजों का किफायती होना महत्वपूर्ण साबित हुआ है। भारत को अधिक से अधिक डिजिटल समावेश की ओर बढ़ना चाहिए, न कि अधिक से अधिक डिजिटल अलगाव की ओर।"

उन्होंने कहा, भारत को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि न केवल सेवाएं बल्कि उपकरण और अनुप्रयोग भी किफायती हों।

अंबानी ने कहा, "व्यापक स्तर पर चीजों को सस्ता बनाने का सबसे अच्छा तरीका सेवाओं के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए यूएसओ फंड के उपयोग जैसे सहायक नीति उपकरणों और भविष्य की प्रौद्योगिकी को अपनाना है। यूएसओ फंड का उपयोग चुनिंदा लक्षित समूहों को उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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