UP News: राजस्व मामलों में लापरवाही, दोषी पाए गए 12 डीएम!, मांगा गया स्पष्टीकरण, जानें क्या है कहानी
By राजेंद्र कुमार | Published: November 3, 2023 05:49 PM2023-11-03T17:49:10+5:302023-11-03T17:49:59+5:30
UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के हर जिले, कस्बे और गांव में अभियान चलाकर राजस्व वादों के निस्तारण, भूमि पैमाइश, भूमि के नामांतरण और कुर्रा-बंटवारा आदि का कार्य तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
लखनऊः उत्तर प्रदेश में भू विवाद के चलते सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाएं हो रही हैं. सरकार के तमाम आंकड़ों के यह बात सामने आ जा चुकी है. इसके चलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के हर जिले, कस्बे और गांव में अभियान चलाकर राजस्व वादों के निस्तारण, भूमि पैमाइश, भूमि के नामांतरण और कुर्रा-बंटवारा आदि का कार्य तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
इसके साथ ही सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को कहा गया है कि वह खुद राजस्व मामलों के निस्तारण की समीक्षा करें. इस मामले में लापरवाही बरते जाने पर जिलाधिकारियों को स्पष्टीकरण देना होगा. सीएम के इस स्पष्ट निर्देश के बाद भी प्रदेश के 12 जिलों के डीएम, सहित कई तहसीलों के एसडीएम और तहसीलदारों ने राजस्व के मामलों का निस्तारण तय समय में पूरा करने में लापरवाही बरती.
मुख्यमंत्री सचिवालय की मॉनीटरिंग से यह पता चला है. इसपर 12 जिलों के डीएम से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है. जबकि राजस्व मामलों के निस्तारण में खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों के उपजिलाधिकारियों को चेतावनी देने तथा तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए गए हैं.
इन जिलों के अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
प्रदेश शासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजस्व मामलों के निस्तारण में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों में प्रतापगढ़, जौनपुर, संत रविदास नगर, अयोध्या और रायबरेली के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके अलावा पैमाइश के मामलों में खराब प्रदर्शन वाली पांच तहसीलों सफीपुर (उन्नाव) , लोनी (गाजियाबाद), कोरांव (प्रयागराज), नकुड़ (सहारनपुर) और फतेहाबाद (आगरा) के उपजिलाधिकारियों को चेतावनी जारी की गई है.
वहीं इसी मामले में खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों मेरठ, संत रविदास नगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर और आगरा के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसी तरह से नामांतरण के मामलों के निपटारे में कोताही बरतने वाली दुद्धी (सोनभद्र), मिहिपुरवां (बहराइच), ओबरा (सोनभद्र), मेजा (प्रयागराज) और रायबरेली (रायबरेली) के तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि भेजी गई है.
खराब निस्तारण वाले जनपदों रायबरेली, प्रतापगढ़, सोनभद्र, अयोध्या और संत रविदास नगर के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके अलावा कुर्रा-बंटवारा के मामलों के निपटारे में खराब प्रदर्शन करने वाली तहसीलों भदोही (संत रविदास नगर), रानीगंज (प्रतापगढ़), हैदरगढ़ (बाराबंकी), हंडिया (प्रयागराज) और कैम्पियरगंज (गोरखपुर) के उप-जिलाधिकारियों को चेतावनी जारी की गई है. कुर्रा-बंटवारा में खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों संत रविदास नगर, प्रतापगढ़, बलरामपुर, देवरिया और प्रयागराज के जिलाअधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
हर 15 दिन पर हो रही समीक्षा
राज्य के अपर मुख्य सचिव राजस्व परिषद सुधीर गर्ग के अनुसार, प्रदेश में राजस्व मामलों के शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष जोर है. इसकी वजह राजस्व विवादों के चलते कई होनी वाली हिंसक घटनाएं है. सीएम का मानना है कि यदि भूमि विवाद जल्द हल हो जाए तो तमाम अनहोनियों को रोका जा सकता है.
जिसके चलते ही प्रदेश के 2941 राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित और समयबद्ध निस्तारण करने के लिए दो माह से विशेष अभियान चलाया जा रहा है. और 15 दिन में इस अभियान की समीक्षा की जा रही है. इसके चलते ही खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की सख्त हिदायत मुख्यमंत्री की ओर से दी जा रही है.