Union Cabinet approved: किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक?, 24475 करोड़ रुपये सब्सिडी, ‘चंद्रयान-4’ पर खर्च होंगे 2104.06 करोड़, केंद्रीय मंत्रिमंडल की कई घोषणा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 18, 2024 16:33 IST2024-09-18T16:30:54+5:302024-09-18T16:33:06+5:30

Union Cabinet approved: ‘चंद्रयान-4’ अभियान के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए कुल 2,104.06 करोड़ रुपये की धनराशि की आवश्यकता है।

Union Cabinet approved live Fertilizer farmers cheaper rates Rs 24475 crore subsidy Rs 2104-06 crore spent 'Chandrayaan-4' many announcements | Union Cabinet approved: किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक?, 24475 करोड़ रुपये सब्सिडी, ‘चंद्रयान-4’ पर खर्च होंगे 2104.06 करोड़, केंद्रीय मंत्रिमंडल की कई घोषणा

file photo

Highlightsपीएसएस और पीएसएफ योजनाओं को पीएम-आशा में एकीकृत किया है।2025-26 तक कुल वित्तीय व्यय 35,000 करोड़ रुपये होगा। पीएम-आशा योजना को जारी रखने की मंजूरी दी गई।

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नये चंद्र अभियान ‘चंद्रयान-4’ को मंजूरी दे दी जिसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने तथा उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों का विकास करना है। एक बयान में कहा गया कि ‘चंद्रयान-4’ अभियान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को (वर्ष 2040 तक) चंद्रमा पर उतारने और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आधारभूत प्रौद्योगिकियों को विकसित करेगा। इसमें कहा गया, ‘‘अंतरिक्ष केंद्र से जुड़ने/हटने, यान के उतरने, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी तथा चंद्र नमूना संग्रह और विश्लेषण के लिए आवश्यक प्रमुख प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा।’’ बयान में कहा गया है कि ‘चंद्रयान-4’ अभियान के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए कुल 2,104.06 करोड़ रुपये की धनराशि की आवश्यकता है।

इसमें कहा गया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष यान के विकास और प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार होगा। उद्योग और शिक्षा जगत की भागीदारी से इस अभियान को मंजूरी मिलने के 36 महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। बयान में कहा गया कि इससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी रूप से विकसित किए जाने की परिकल्पना की गई है।

मंत्रिमंडल ने पीएंडके उर्वरकों पर रबी सत्र के लिए 24,475 करोड़ रुपये सब्सिडी की मंजूरी दी

सरकार ने किसानों को सस्ती दरों पर फसल पोषक तत्व मुहैया कराने के लिए बुधवार को आगामी रबी फसल सत्र के लिए फॉस्फेट एवं पोटाश (पीएंडके) से युक्त उर्वरकों पर 24,474.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई।

मंत्रिमंडल ने रबी सत्र 2024 (अक्टूबर, 2024 से मार्च, 2025 तक) के लिए पीएंडके उर्वरकों पर पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, रबी सत्र 2024 के लिए अस्थायी बजटीय जरूरत लगभग 24,475.53 करोड़ रुपये होगी। इस निर्णय का उद्देश्य किसानों को सब्सिडी-युक्त, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

सरकार उर्वरक निर्माताओं/ आयातकों के जरिये किसानों को सब्सिडी कीमत पर 28 किस्मों के पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है। पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी एक अप्रैल, 2010 से लाई गई एनबीएस योजना से नियंत्रित होती है। बयान के मुताबिक, "उर्वरकों और उनमें इस्तेमाल होने वाले यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हाल के रुझानों को देखते हुए सरकार ने पीएंडके उर्वरकों पर रबी सत्र 2024 के लिए एनबीएस दरों को मंजूरी देने का फैसला किया है।"

बयान में कहा गया है कि उर्वरक कंपनियों को एन (नाइट्रोजन), पी (फास्फोरस) और के (पोटाश) की स्वीकृत और अधिसूचित दरों के अनुरूप सब्सिडी प्रदान की जाएगी ताकि किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराए जा सकें। सरकार ने बुधवार को 35,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘पीएम-आशा’ योजना को आगे जारी रखने की मंजूरी दे दी।

सरकार ने यह मंजूरी किसानों को बेहतर मूल्य उपलब्ध कराने तथा उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता पर काबू पाने के उद्देश्य से दी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों को लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी गई।”

बयान के अनुसार, 15वें वित्त आयोग के दौरान 2025-26 तक कुल वित्तीय व्यय 35,000 करोड़ रुपये होगा। सरकार ने किसानों और उपभोक्ताओं को अधिक कुशलता से सेवा प्रदान करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजनाओं को पीएम-आशा में एकीकृत किया है।

सरकार ने कहा, “पीएम-आशा की एकीकृत योजना कार्यान्वयन में और अधिक प्रभावशीलता लाएगी। इससे न सिर्फ किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने में मदद मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करके कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।’’ पीएम-आशा में अब पीएसएस, पीएसएफ, मूल्य नुकसान भुगतान योजना (पीओपीएस) और बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के घटक शामिल होंगे।

Web Title: Union Cabinet approved live Fertilizer farmers cheaper rates Rs 24475 crore subsidy Rs 2104-06 crore spent 'Chandrayaan-4' many announcements

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे