बिजली क्षेत्र में निर्बाध आपूर्ति, डिस्कॉम की वित्तीय सेहत को लेकर चुनौतियां

By भाषा | Updated: December 28, 2020 14:41 IST2020-12-28T14:41:19+5:302020-12-28T14:41:19+5:30

Uninterrupted supply in power sector, Discom's financial health challenges | बिजली क्षेत्र में निर्बाध आपूर्ति, डिस्कॉम की वित्तीय सेहत को लेकर चुनौतियां

बिजली क्षेत्र में निर्बाध आपूर्ति, डिस्कॉम की वित्तीय सेहत को लेकर चुनौतियां

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर बिजली क्षेत्र बीते दिनों महामारी से बुरी तरह प्रभावित होने के बाद सामान्य स्थिति में आने की जद्दोजहद कर रहा है और ऐसे में उसे सुधारों की जल्द से जल्द दरकार है।

उपभोक्ताओं को 2021 तक निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य और बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की वित्तीय सेहत में सुधार के कदम उठाने के लिए ये सुधार जरूरी हैं।

सरकार के सामने सबसे महत्वपूर्ण काम डिस्कॉम की बीमारी को दूर करने की है, जो नकदी संकट से जूझ रहे हैं और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली उत्पादन कंपनियों (जेनकॉस) को भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं।

बिजली की मांग पर और डिस्कॉम के बिल संग्रह पर भी कोरोना वायरस महामारी का भी नकारात्मक असर पड़ा। ऐसे में पहले से संकट का सामना कर रहे जेनकॉस के लिए परेशानियां बढ़ गईं। डिस्कॉम द्वारा भुगतान में देरी के कारण जेनकॉस के नकदी प्रवाह और वित्तीय स्थिति बिगड़ी।

कोविड-19 के बाद आर्थिक गतिविधियां बहुत जल्द सामान्य स्थिति में नहीं आने वाली हैं, ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों को बिजली क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इस साल जून 2020 तक डिस्कॉम के बिलों को चुकाने के लिए उन्हें 1,20,000 करोड़ रुपये की नकदी सहायता दी।

इसके अलावा कोयला आपूर्ति को आसान बनाने के लिए ऋण पत्र (एलओसी) सुविधाएं शुरू की गईं। इन उपायों से नकदी की तंगी वाले जेनकॉस को उधारी चुकाने और कोयला आपूर्ति बरकरार रखने में मदद मिली।

हालांकि, इन उपायों के बावजूद डिस्कॉम के सामने चुनौतियां बनी हुई हैं। बिजली मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2020 के अंत में डिस्कॉम का कुल बकाया 1,39,021 करोड़ रुपये था, जो अक्टूबर 2019 के मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक है।

बिजली उत्पादक संघ (एपीपी) के महानिदेशक अशोक खुराना ने सुझाव दिया कि महामारी के प्रकोप के कारण डिस्कॉम के खराब बिल संग्रह को देखते हुए सरकार को नकदी सहायता बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वितरण कंपनियों की बिगड़ती वित्तीय सेहत सभी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

खुराना ने पीटीआई-भाषा कहा, ‘‘हालांकि, हमें उम्मीद है कि (बिजली) वितरण के निजीकरण पर जोर, नई टैरिफ नीति तैयार करने और बिजली क्षेत्र में बाजार आधारित आधारित उत्पादों की ओर सरकार का ध्यान बढ़ रहा है और इन उपायों से क्षेत्र को स्थाई विकास के रास्ते पर लाने में मदद मिलेगी।’’

देश में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के बारे में बिजली मंत्री आर के सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि विद्युत (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।

नियमों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि डिस्कॉम सभी उपभोक्ताओं को 24 घंटे-सातों दिन बिजली की आपूर्ति करेंगे। हालांकि, बिजली नियामक आयोग कृषि जैसे कुछ श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए कम घंटे की आपूर्ति तय कर सकता है।

मंत्री ने बताया कि केंद्र के साथ ही राज्य नियामक भी उपभोक्ताओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए कटौती की अधिकतम समय सीमा तय करेंगे और इससे चूक करने पर डिस्कॉम को उपभोक्ताओं को जुर्माना देना होगा।

सिंह ने यह भी कहा कि उपभोक्ताओं को नए बिजली कनेक्शन, बिजली मीटरों की जांच और दोषपूर्ण मीटरों को बदलने जैसी सेवाएं एक तय समय के भीतर मिलेंगी।

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Web Title: Uninterrupted supply in power sector, Discom's financial health challenges

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