Trump India Tariffs 2025: 50% टैरिफ, 5.41 लाख करोड़ रुपये डूबे, सेंसेक्स 849 अंक टूटकर 80,786.54 अंक पर बंद, रियल्टी, फार्मा, बैंकिंग और धातु शेयर धड़ाम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 26, 2025 20:13 IST2025-08-26T18:29:12+5:302025-08-26T20:13:38+5:30

Trump India Tariffs 2025: क्षेत्रवार बात करें तो रियल्टी में 2.24 प्रतिशत, धातु में 2.10 प्रतिशत, दूरसंचार में 2.04 प्रतिशत, ऊर्जा में 1.68 प्रतिशत, स्वास्थ्य सेवा में 1.65 प्रतिशत, उपयोगिताओं में 1.61 प्रतिशत, औद्योगिक उत्पादों में 1.59 प्रतिशत और बिजली में 1.53 प्रतिशत की गिरावट हुई।

Trump India Tariffs 2025 live 50% 5-41 lakh crore rupees sunk impacts market Sensex falls 849 points to close at 80,786-54 realty, pharma, banking and metal stocks crash | Trump India Tariffs 2025: 50% टैरिफ, 5.41 लाख करोड़ रुपये डूबे, सेंसेक्स 849 अंक टूटकर 80,786.54 अंक पर बंद, रियल्टी, फार्मा, बैंकिंग और धातु शेयर धड़ाम

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Highlightsअदाणी पोर्ट्स, टाइटन, बीईएल और लार्सन एंड टुब्रो में उल्लेखनीय गिरावट हुई। सेंसेक्स के 25 शेयर गिरावट के साथ और पांच शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।1.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,689.60 अंक पर आ गया था।

मुंबईः स्थानीय शेयर बाजारों में मंगलवार को भारी गिरावट के कारण निवेशकों के 5.41 लाख करोड़ रुपये डूब गए। अमेरिका के भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने संबंधी मसौदा नोटिस जारी करने के बाद चौतरफा बिकवाली के दबाव के कारण बीएसई सेंसेक्स 849 अंक गिरकर 81,000 अंक के स्तर से नीचे बंद हुआ।

इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 849.37 अंक या 1.04 प्रतिशत गिरकर 80,786.54 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 25 शेयर नुकसान में रहे, जबकि पांच बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5.41 लाख करोड़ रुपये घटकर 449.45 लाख करोड़ रुपये रह गया।

विदेशी कोषों की लगातार बिकवाली और कमजोर वैश्विक रुझान ने भी निवेशकों की धारणा को कमजोर किया। रियल्टी, फार्मा, बैंकिंग और धातु शेयरों में बिकवाली का सबसे अधिक असर पड़ा, जबकि एफएमसीजी शेयरों ने मामूली बढ़त के साथ अपेक्षाकृत मजबूती दिखाई। सेंसेक्स के शेयरों में सन फार्मास्युटिकल, टाटा स्टील, ट्रेंट, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स, टाइटन, बीईएल और लार्सन एंड टुब्रो में उल्लेखनीय गिरावट हुई।

दूसरी ओर हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजुकी इंडिया, आईटीसी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लागू करने के लिए एक मसौदा आदेश जारी किया है, जिसकी घोषणा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में की थी। यह अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से लागू होगा।

अमेरिका के भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने पर एक मसौदा नोटिस जारी करने के बाद मंगलवार को शेयर बाजारों में चौतरफा बिकवाली हुई और प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स 849 अंक टूटकर 81,000 अंक से नीचे आ गया। इसके अलावा विदेशी कोषों की लगातार बिकवाली और कमजोर वैश्विक रुझान ने भी निवेशकों की धारणा को कमजोर किया। इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 849.37 अंक या 1.04 प्रतिशत गिरकर 80,786.54 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 25 शेयर गिरावट के साथ और पांच शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।

दिन के कारोबार में सेंसेक्स 949.93 अंक या 1.16 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 80,685.98 अंक पर आ गया था। एनएसई निफ्टी 255.70 अंक या 1.02 प्रतिशत टूटकर 24,712.05 अंक पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में यह 278.15 अंक या 1.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,689.60 अंक पर आ गया था।

रियल्टी, फार्मा, बैंकिंग और धातु शेयरों में बिकवाली का सबसे अधिक असर पड़ा, जबकि एफएमसीजी शेयरों ने मामूली बढ़त के साथ अपेक्षाकृत मजबूती दिखाई । सेंसेक्स के शेयरों में सन फार्मास्युटिकल, टाटा स्टील, ट्रेंट, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स, टाइटन, बीईएल और लार्सन एंड टुब्रो में उल्लेखनीय गिरावट हुई।

दूसरी ओर हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजुकी इंडिया, आईटीसी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फेडरल रिजर्व के गवर्नर को बर्खास्त करने के बाद विदेशी कोषों की लगातार बिकवाली ने भी निवेशकों की धारणा को कमजोर किया।

अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लागू करने के लिए एक मसौदा आदेश जारी किया है, जिसकी घोषणा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में की थी। यह अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से लागू होगा। रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ''अतिरिक्त शुल्क लागू करने की समयसीमा से पहले सतर्कता के कारण बाजार की धारणा काफी हद तक कमजोर रही, जिसका निर्यात-संवेदनशील क्षेत्रों पर भारी असर पड़ा।''

मिश्रा ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली, रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण दबाव और बढ़ गया, जिससे निवेशकों ने जोखिम कम करने का फैसला किया। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''अमेरिकी दंडात्मक शुल्क की समयसीमा कल खत्म होने के कारण घरेलू बाजार में सतर्कता का माहौल रहा।

रुपये में लगातार गिरावट से दबाव और बढ़ रहा है।'' उन्होंने कहा कि एफएमसीजी को छोड़कर सभी क्षेत्रों में व्यापक बिकवाली देखी गई, जिसमें खपत बढ़ने की उम्मीद से तेजी आई। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 1.68 प्रतिशत गिरा, जबकि मिडकैप सूचकांक 1.34 प्रतिशत घट गया। क्षेत्रवार बात करें तो रियल्टी में 2.24 प्रतिशत, धातु में 2.10 प्रतिशत, दूरसंचार में 2.04 प्रतिशत, ऊर्जा में 1.68 प्रतिशत, स्वास्थ्य सेवा में 1.65 प्रतिशत, उपयोगिताओं में 1.61 प्रतिशत, औद्योगिक उत्पादों में 1.59 प्रतिशत और बिजली में 1.53 प्रतिशत की गिरावट हुई।

केवल एफएमसीजी ही लाभ में बंद हुआ। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहे। दोपहर के कारोबार में यूरोपीय बाजार नुकसान में थे। अमेरिकी बाजार सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.48 प्रतिशत गिरकर 67.78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 2,466.24 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। 

Web Title: Trump India Tariffs 2025 live 50% 5-41 lakh crore rupees sunk impacts market Sensex falls 849 points to close at 80,786-54 realty, pharma, banking and metal stocks crash

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