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देश के 24 आयातकों ने की 11 हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी, भेजा गया नोटिस

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 12, 2023 15:27 IST

एंजेंसियों को गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का बेनिफिट उठाने के कई उदाहरण सामने मिले। नोटिस केवल उन मामलों में भेजे गए थे जहां डाटा को स्वतंत्र रूप से वेरिफाई किया गया था और फील्ड फॉर्मेशन द्वारा जांच की गई थी।

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ठळक मुद्दे एडवांस्ड एनालिटिक्स इन इनडायरेक्ट टैक्सेशन (ADVIT) द्वारा तैयार किए गए डेटा के बेस पर मिली जानकारीटैक्स चोरी के संबंध में सात इकाइयों को नोटिस भेजा गया है24 बड़े आयातकों द्वारा ₹11,000 करोड़ की कथित जीएसटी चोरी का है मामला

नई दिल्ली: जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने 24 बड़े आयातकों द्वारा ₹11,000 करोड़ की कथित एकीकृत जीएसटी चोरी का पता लगाया है। 

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अब तक करीब 24 मामलों में करीब 11,000 करोड़ रुपये की चोरी का पता चला है और हमने इस संबंध में सात इकाइयों को नोटिस भेजा गया है। एजेंसी के सीनियर ऑफिसर की तरफ से अखबार को दी गई जानकारी के मुताबिक मुंबई, कोलकाता और चेन्नई ज्यूरीडिक्शन के इंपोटर्स को ये नोटिस पिछले 20 दिनों में भेजे गए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक एजेंसियों ने ​​दूसरे इंपोटर्स को भी नोटिस भेजने का प्रोसेस शुरू कर दिया है. जिन कंपनियों ने टैक्स चोरी की है, वो स्टील, फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण और कपड़ा कारोबार से जुड़ी हुई हैं। एंजेंसियों को गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का बेनिफिट उठाने के कई उदाहरण सामने मिले। नोटिस केवल उन मामलों में भेजे गए थे जहां डाटा को स्वतंत्र रूप से वेरिफाई किया गया था और फील्ड फॉर्मेशन द्वारा जांच की गई थी।

 टैक्स चोरी को पकड़ने के लिए बनाए गए सिस्टम एडवांस्ड एनालिटिक्स इन इनडायरेक्ट टैक्सेशन (ADVIT) द्वारा तैयार किए गए डेटा के बेस पर ये जानकारी मिली कि कुछ आयातक जीएसटी में हेर-फेर दिखाकर टैक्स चोरी कर रहे हैं।

एडवांस्ड एनालिटिक्स इन इनडायरेक्ट टैक्सेशन (ADVIT) की उपयोगिता को देखते हुए सरकार इस सिस्टम को और मजबूत करने की योजना बना रही है। इसके लिए सिस्टम में कुछ बदलाव भी किए जाने की तैयारी है। किए जाने वाले बदलावों में टैक्स की कंपैरिजन रिपोर्ट, एक वित्तीय वर्ष के लिए सेलेक्टिड ज्यूरीडिक्शन के तहत टैक्सपेयर्स द्वारा जीएसटीआर-9 में पेयेबल टैक्स शामिल है। इसके बाद एक ही जगह पर सप्लाई प्लेस, टैक्स अमाउंट और यूज किए गए लेजर को देखा जा सकता है। फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन और गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट का पता लगाने के लिए 16 मई से दो महीने का सघन अभियान शुरू करने जा रही है।

टॅग्स :जीएसटीप्रवर्तन निदेशालयक्राइम
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