आयात शुल्क घटने से सोयाबीन, पामोलिन तेलों में 250 रुपये तक गिरावट, अन्य में भाव टिके

By भाषा | Updated: June 30, 2021 20:44 IST2021-06-30T20:44:50+5:302021-06-30T20:44:50+5:30

Soybean, palmolein oils fall by up to Rs 250 due to reduction in import duty, prices remain stable in others | आयात शुल्क घटने से सोयाबीन, पामोलिन तेलों में 250 रुपये तक गिरावट, अन्य में भाव टिके

आयात शुल्क घटने से सोयाबीन, पामोलिन तेलों में 250 रुपये तक गिरावट, अन्य में भाव टिके

नयी दिल्ली, 30 जून खाद्य तेलों के लगातार मजबूत होते दाम पर अंकुश लगने के लिये सरकार द्वारा कच्चे पॉम तेल पर आयात शुल्क में पांच प्रतिशत कटौती करने के बाद बुधवार को स्थानीय तेल तिलहन बाजार में कच्चा पाम तेल 270 रुपये, रिफाइंड पामोलिन 250 रुपये क्विंटल तक घट गया। हालांकि, सरसों, मूंगफली तेलों में भाव टिके रहे।

बाजार सूत्रों के अनुसार सरसों की बाजार में लगातार तंगी दिख रही है। मांग के मुकाबले सरसों की उपलबधता कम बनी हुई है। सरकार को आगामी बिजाई को ध्यान में रखते हुये सरसों बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिये। यही वजह है कि पॉम तेल में गिरावट के बावजूद बाजार में सरसों और सरसों तेल के भाव पूर्ववत बोले गये।

सरकार द्वारा कच्चे पॉम तेल के आयात शुल्क में पांच प्रतिशत कटौती करने के बावजूद सरसों और मूंगफली तेल में भाव क्रमश 14,260 रुपये और 13,350 रुपये क्विंटल पर पूर्ववत बोले गये। हालांकि, सरकार के कदम का असर कच्चे पॉम तेल पर देखा गया और उसका एक्स कांडला भाव 270 रुपये घटकर 10,250 रुपये क्विंटल रह गया। इसी प्रकार सोयाबीन मिल डिलीवरी दिल्ली में भी 50 रुपये घटकर 13,500 रुपये का भाव बोला गया। बिनौला मिल डिलीवरी हरियाणा भी करीब 300 रुपये घटकर 12,750 रुपये क्विंटल रह गया।

बाजार सूत्रों के मुताबिक सरकार के कदम का असर यह हुआ कि शिकागो में सोयाबीन डीगम वायदा भाव तीन प्रतिशत टूट गया लेकिन मलेशिया में पॉम तेल का भाव एक से सवा प्रतिशत तक ऊंचा बोला गया। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने रिफाइंड पामोलिन के आयात को भी खोल दिया है। अब तक इसका आयात प्रतिबंधित श्रेणी में था लेकिन पॉम तेल में आयात शुल्क घटाने के साथ ही पामोलिन के आयात को भी प्रतिबंधित श्रेणी से हटाकर खुले लाइसेंस के तहत ला दिया गया है। इससे व्यापारी अब रिफाइंड पामोलिन का भी मांग के अनुरूप आसानी से आयात कर सकेंगे। कच्चे पॉम तेल पर जहां पहले उपकर और अतिरिक् शुल्क सहित कुल 35.75 प्रतिशत आयात शुल्क लगता था वहीं इसे 30 जून से घटाकर 30.25 प्रतिशत कर दिया गया है। यह व्यवस्था 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी।

जानकार सूत्रों का कहना है कि सोयाबीन का बीज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध नहीं होने के कारण इसकी बिजाई जितनी होनी चाहिये थी उस स्तर तक नहीं पहुंच पाई। यही स्थिति यदि बीज के लिये पर्याप्त मात्रा में सरसों उपलब्ध नहीं हुई तो सरसों के मामले में भी बन सकती है, इसलिये सरकार को सतर्क रहना चाहिये।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,300 - 7,350 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,445 - 5,590 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,350 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,055 - 2,185 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,260 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,305 -2,355 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,405 - 2,505 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,500 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,200 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,180 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 10,250 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,750 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,000 रुपये।

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Web Title: Soybean, palmolein oils fall by up to Rs 250 due to reduction in import duty, prices remain stable in others

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