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सोशल मीडिया प्रभावकारी बाजार 2025 तक 2,200 करोड़ रुपये का होने की उम्मीद: रिपोर्ट

By भाषा | Updated: September 17, 2021 23:28 IST

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मुंबई 17 सितंबर सोशल मीडिया मंचों पर प्रभावशाली व्यक्तियों के जरिये उत्पादों को बेचने के बढ़ते चलन के साथ देश के इस बाजार में वर्ष के अंत तक 900 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है। ग्रुपम की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है।

आईएनसीए इंडिया इन्फ्लुएंसर रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया प्रभावकारी बाजार में कारोबार हर वर्ष 25 प्रतिशत से बढ़ने की उम्मीद है और वर्ष 2025 तक इस क्षेत्र में कारोबार 2200 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

रिपोर्ट में यह देखा गया कि इंटरनेट के बढ़ते दायरे और प्रभाव के साथ सोशल मीडिया मंचों पर लोगों की पहुंच में वृद्धि हुई है। इसे देखते हुए कंपनियों ने अपने उत्पादों को बेचने के लिए सोशल मीडिया पर प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ गठजोड़ करना शुरू किया है।

विज्ञापनदाताओं के एक स्व-नियामक निकाय ने भी सोशल मीडिया पर इन तरह के 'प्रभावशाली' व्यक्तियों के लिए दिशानिर्देश तय किये है।

ग्रुपम की रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड-19 महामारी के उत्पन्न परिस्थितियों तथा उपभोक्ताओं से सीधे जुड़ने के कारण प्रभावकारी यह उद्योग एक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।

ग्रुपम के दक्षिण एशिया के मुख्य कार्यकारी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘महामारी की शरूआत से पहले तक भारत में अलग-अलग सोशल मीडिया मंचों पर 40 करोड़ लोग थे और पिछले 18 महीनों में यह संख्या तेजी से बढ़ी है। साथ ही उपभोक्ता व्यवहार में भी बदलाव आया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कंपनियों का सोशल मीडिया मंचों के जरिये विज्ञापन देने का सबसे बड़ा कारण प्रभावशाली व्यक्तियों का उनके दर्शकों के साथ गहरा संबंध और भरोसा है। कंपनियों इसका लाभ उठाने के लिए सोशल मीडिया पर प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ जुड़ना चाहती है।’’

रिपोर्ट के अनुसार इंफ्लुएंसर बाजार में निजी देखबाल से संबंधित उत्पादनों के विज्ञापन या प्रायोजक का योगदान 25 प्रतिशत, खाद्य पेयजल उत्पादों का 20 प्रतिशत, फैशन और आभूषण से जुड़े सामानों का 15 प्रतिशत तथा मोबाइल एवं इलेक्ट्रिक उपकरणों का 10 प्रतिशत है। यह चार श्रेणियां इस बाजार में 70 प्रतिशत का हिस्सा रखती है।

रिपोर्ट के दिलचस्प रूप से यह भी पाया गया कि जानी मानी प्रसिद्ध हस्तियों का इस बाजार में केवल 27 प्रतिशत हिस्सा है जबकि प्रभावशाली व्यक्तियों की हिस्सेदारी 73 प्रतिशत तक की है।

रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि देश की लगभग दो तिहाई आबादी किसी न किसी सोशल मीडिया पर अपना प्रभाव छोड़ने वाले व्यक्ति को फॉलो करती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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