भारत के जाने-माने टाइकून मलविंदर मोहन सिंह और उनके भाई शिविंदर मोहन सिंह ने गुरुवार (8 फरवरी) को फोर्टिस हेल्थकेयर कंपनी के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से माना जा रहा है कि कंपनी की मुश्किलें बढ़ सकती है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सिंह भाईयों ने कंपनी से 7.8 करोड़ डॉलर (500 करोड़ रुपए) निकाल लिए हैं।
खबरों के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑडिटर डिलॉइट ने फोर्टिस के दूसरी तिमाही के नतीजों को सर्टिफाई करने से मना कर दिया है। दोनों भाइयों को लेकर कहा जा रहा है कि कंपनी से पैसे निकालकर ग्रुप की दूसरी कंपनियों को कर्ज दिया है। फोर्टिस हेल्थकेयर में दोनों भाइयों का 34 फीसदी हिस्सा है। उनकी ये हिस्सेदारी बनी रहेगी। वहीं, कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि ट्रेजरी ऑपरेशन में कॉर्पोरेट लोन दिया गया था। कर्ज लेने वाले बाद में कंपनी का हिस्सा बन गए। इसको लोन रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन के तौर पर पहचाना गया। इसलिए दिक्कत शुरू हुई।
बताया जा रहा है कि मलविंदर और शिविंदर मोहन सिंह ने कंपनी के निदेशक मंडल से इस्तीफा देने का कदम दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उठाया। कोर्ट ने दाइची सैंक्यो के पक्ष में जारी 3500 करोड़ रुपए के पंचनिर्णय को सही ठहराया, जिसके बाद सिंह बंधुओं ने यह फैसला लिया।
इस्तीफे के संबंध में फोर्टिस हेल्थकेयर कंपनी ने बीएसई को बता दिया है। साथ ही कहा कि दोनों भाइयों ने एक साथ इस्तीफा भेजा है। इस मामले को लेकर कंपनी के निदेशक मंडल की 13 फरवरी को बैठक होगी, जिसमें इस संबंध में विचार किया जाएगा।