बदरीनाथ में 100 करोड रुपये के विकास कार्यों के लिए सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर
By भाषा | Published: May 6, 2021 06:54 PM2021-05-06T18:54:08+5:302021-05-06T18:54:08+5:30
देहरादून, नयी दिल्ली, छह मई प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम को आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित करने के लिए करीब 100 करोड रूपये के विकास कार्यों हेतु बृहस्पतिवार को श्रीकेदारनाथ उत्थान ट्रस्ट एवं पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हज्ञताक्षर किए गए।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से सचिव तन्नू कपूर व उत्तराखण्ड की ओर से पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने हस्ताक्षर किए।
वर्चुअल रूप से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि उत्तराखण्ड के चार धामों का विशेष महत्त्व है और बदरीनाथ धाम के कायाकल्प को लेकर तेल कंपनियां प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम को प्रधानमंत्री मोदी के विज़न के अनुरूप स्मार्ट अध्यात्मिक शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर अलकनंदा नदी के तटबंध कार्यों के अलावा जल निकासी, सीवेज, लाइट, सीसीटीवी, शौचालय, पुल आदि के सौंदर्यीकरण व पुनर्निर्माण के कार्य प्रस्तावित हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में बदरीनाथ व केदारनाथ धामों की भांति ही उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमनोत्री धामों के लिए भी कुछ कार्य कराए जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि वर्ष 2013 में आई प्राकृतिक आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में शुरू हुए पुनर्निर्माण के कार्य अब अपने अंतिम चरण में हैं।
उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने बदरीनाथ धाम के कायाकल्प का भी निर्णय लिया जहां आगामी 100 वर्षों की आवश्यकताओं के मद्देनजर कुल 85 हेक्टेअर भूमि पर चरणबद्ध तरीके से सुविधाओं का विकास किया जाएगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं और राज्य सरकार आगामी तीन सालों में धाम के कायाकल्प के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ में व्यास गुफा, गणेश गुफा व चरण पादुका आदि का भी पुनर्विकास किया जाएगा ।
रावत ने कहा कि राज्य सरकार का फोकस क्षेत्र में होमस्टे को बढ़ावा देने पर है ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने की सस्ती सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस अवसर पर कहा कि बदरीनाथ धाम का धार्मिक के साथ ही आर्थिक महत्व भी है और यहां से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है।
उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यो के दौरान इस बात का भी ध्यान रखना है कि यहां पर पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे।
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