Share Market Closing Bell: 6 दिन में 1804418 करोड़ रुपये स्वाहा?, सोने की कीमत 340 रुपये घटकर 87,960 रुपये प्रति 10 ग्राम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 12, 2025 21:55 IST2025-02-12T21:54:12+5:302025-02-12T21:55:20+5:30
Share Market Closing Bell: बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 18,04,418 करोड़ रुपये घटकर 4,07,46,408.11 करोड़ रुपये पर आ गया।

file photo
Share Market Closing Bell: शेयर बाजार में छह दिनों से जारी गिरावट से निवेशकों को 18 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी और व्यापार युद्ध की चिंताओं के बीच इस दौरान बीएसई सेंसेक्स तीन प्रतिशत टूटा है। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सूचकांक आखिरी घंटे में बैंक शेयरों में सुधार के बाद 122.52 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,171.08 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, सेंसेक्स 905.21 अंक तक टूट गया था। चार फरवरी से अब तक बीएसई सेंसेक्स 2,412.73 अंक यानी 3.07 प्रतिशत गिर चुका है।
इस अवधि में बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 18,04,418 करोड़ रुपये घटकर 4,07,46,408.11 करोड़ रुपये पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 4,486.41 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। कमजोर वैश्विक रुख के बीच बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 340 रुपये घटकर 87,960 रुपये प्रति 10 ग्राम रही। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। मंगलवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 88,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 340 रुपये घटकर 87,560 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 87,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, बुधवार को चांदी की कीमत 600 रुपये बढ़कर 97,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषण (जिंस एवं मुद्रा) विभाग के उपाध्यक्ष, जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘कॉमेक्स और एमसीएक्स दोनों में कीमतों में कमजोरी आने के साथ सोने के मूल्य में गिरावट आई। एमसीएक्स में सोने में गिरावट कुछ अल्पकालिक दबाव का संकेत देती है।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े ब्याज दर की प्रवृत्ति का आकलन करने में महत्वपूर्ण होंगे, जो सोने की चाल को प्रभावित कर सकते हैं। आंकड़ा आज जारी होगा। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, कॉमेक्स सोना वायदा 26 डॉलर प्रति औंस गिरकर 2,906.60 डॉलर प्रति औंस रह गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘बुधवार को सोने में गिरावट आई, क्योंकि फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष ब्याज दर में और कटौती की कोई तत्काल आवश्यकता नहीं होने का संकेत दिया है। इसके बाद ब्याज दर में आक्रामक कटौती की उम्मीदें कम हुई हैं।’’
पॉवेल ने कहा है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती करने में जल्दबाजी नहीं करेगा। उनकी टिप्पणियों के बाद, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि हुई, जिसका भी सोने की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। एशियाई बाजार में कॉमेक्स चांदी वायदा 0.56 प्रतिशत गिरकर 32.14 डॉलर प्रति औंस पर रहा।
औद्योगिक उत्पादन दिसंबर में धीमा पड़कर तीन महीने के निचले स्तर 3.2 प्रतिशत पर आया
खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से दिसंबर, 2024 में देश का औद्योगिक उत्पादन 3.2 प्रतिशत की दर से ही बढ़ा जो तीन महीनों का निचला स्तर है। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। दिसंबर, 2023 में औद्योगिक उत्पादन 4.4 प्रतिशत बढ़ा था। इसके साथ ही सरकार ने नवंबर, 2024 के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़े को भी संशोधित कर पांच प्रतिशत कर दिया है। पिछले महीने जारी अस्थायी अनुमान में इसे 5.2 प्रतिशत बताया गया था। सितंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत के समान स्तर पर रही जबकि अगस्त में स्थिर रही थी।
अक्टूबर, 2024 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि 3.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2024 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन तीन प्रतिशत बढ़ा जो एक साल पहले की समान अवधि में 4.6 प्रतिशत बढ़ा था। आलोच्य अवधि में खनन उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 2.6 प्रतिशत रह गई जबकि साल भर पहले की समान अवधि में यह 5.2 प्रतिशत थी। हालांकि समीक्षाधीन माह में बिजली उत्पादन बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गया जो दिसंबर, 2023 में सिर्फ 1.2 प्रतिशत था।
इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों यानी अप्रैल-दिसंबर की अवधि में औद्योगिक उत्पादन में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो एक साल पहले की समान अवधि में दर्ज 6.2 प्रतिशत वृद्धि से कम है। उपयोग-आधारित वर्गीकरण के मुताबिक, पूंजीगत वस्तु खंड की वृद्धि दिसंबर 2024 में बढ़कर 10.3 प्रतिशत हो गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 3.7 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में 8.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जो दिसंबर 2023 में 5.2 प्रतिशत बढ़ा था। दिसंबर 2024 में उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन 7.6 प्रतिशत घट गया जबकि दिसंबर, 2023 में इसमें तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
आंकड़ों के मुताबिक, बुनियादी ढांचे/निर्माण वस्तुओं ने दिसंबर 2024 में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो एक साल पहले की अवधि में 5.5 प्रतिशत बढ़ी थी। प्राथमिक वस्तुओं का उत्पादन दिसंबर, 2024 में 3.8 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले के समान माह में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। मध्यवर्ती वस्तुओं के खंड में वृद्धि दर समीक्षाधीन महीने में 5.9 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 3.7 प्रतिशत थी।