छठे दिन भी जारी रही शेयर बाजार में बिकवाली, सारी निगाहें बजट पर

By भाषा | Updated: January 29, 2021 18:04 IST2021-01-29T18:04:18+5:302021-01-29T18:04:18+5:30

Selling in the stock market continued for the sixth day, all eyes on the budget | छठे दिन भी जारी रही शेयर बाजार में बिकवाली, सारी निगाहें बजट पर

छठे दिन भी जारी रही शेयर बाजार में बिकवाली, सारी निगाहें बजट पर

मुंबई, 29 जनवरी विदेशी बाजारों की गिरावट और विदेशी निवेशकों की निवेशकों की जारी बिकवाली के बीच बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा शेयर बाजार के निवेशकों को लुभाने में असफल रही। इसके चलते शुक्रवार को लगातार छठे दिन भी बाजार भारी गिरावट में बंद हुए।

तेज उथल-पुथल कारोबार में बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 588.59 अंक यानी 1.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 46,285.77 अंक पर बंद हुआ। छह दिन में सेंसेक्स में 3,506.35 अंक यानी 7.04 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।

शुक्रवार को सेंसेक्स में कारोबार के दौरान कुल मिला कर 1,263.20 अंक के दायरे में उतार-चढ़ाव आया।

एनएसई का निफ्टी 182.95 अंक यानी 1.32 प्रतिशत कम होकर 13,634.60 अंक पर बंद हुआ।

छह दिनों में एनएसई 1,010.10 अंक यानी 6.89 प्रतिशत गिर चुका है।

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 26 के शेयर गिरावट में रहे। डॉ रेड्डीज, मारुति सुजुकी, भारती एयरटेल, बजाज ऑटो, इंफोसिस, टीसीएस और बजाज फिनसर्व में 5.69 प्रतिशत तक की गिरावट रही।

दूसरी ओर, इंडसइंड बैंक, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक बढ़त के साथ बंद हुए। इनमें 5.44 प्रतिशत तक की तेजी रही।

दिन में मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक समीक्षा 2020-21 पेश किया।

वह सोमवार को 2021-22 का केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं।

आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जाहिर किया गया है। समीक्षा में कहा गया देश की अर्थव्यवस्था महामारी के चलते गिरावट के बाद तेज वापसी करने वाली है। समीक्षा में यह भी कहा गया कि अप्रैल से नवंबर 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय लक्ष्य से चूक सकती है।

विश्लेषकों का मानना ​​है कि मुख्य रूप से केंद्रीय बजट और महत्वपूर्ण वैश्विक घटनाक्रमों से पहले मुनाफावसूली की वजह से घरेलू बाजारों में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आशंकाओं तथा सुस्त पड़ते आर्थिक पुनरुद्धार के चलते नरम पड़ते वैश्विक रुख ने बजट से पहले सतर्कता बरत रहे बाजार को प्रभावित किया। अमेरिका और यूरोप में पुनरुद्धार की गति धीमी पड़ गयी है।’’

बीएसई के 19 में से 16 समूह गिरावट में रहे। दूरसंचार में 2.97 प्रतिशत, वाहन में 2.95 प्रतिशत, प्रौद्योगिकी में 2.63 प्रतिशत और सूचना प्रौद्योगिकी में 2.48 प्रतिशत की गिरावट रही।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा। इनमें क्रमश: 0.69 प्रतिशत और 0.25 प्रतिशत की गिरावट रही।

शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बृहस्पतिवार को 3,712.51 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिक्री की।

शुक्रवार को एशियाई बाजार भी गिरवट में रहे। एशियाई बाजारों में कई महीनों की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गयी।

विदेशी मुद्रा बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया नौ पैसे बढ़कर 72.96 पर बंद हुआ।

कच्चा तेल का वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.66 प्रतिशत बढ़कर 55.42 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।

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