नयी दिल्ली, 21 दिसंबर निजी खपत के लिए बिजली उत्पादन करने वाले उत्पादकों के एक संघ ने सरकार से कोयले की आपूर्ति को पूरी तरह सामान्य बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने कोयला संकट के लिए स्वतंत्र बिजली उत्पादकों को दोषी ठहराया।
निजी खपत के लिये विद्युत उत्पादन करने वाले बिजली उत्पादकों के संघ (आईसीपीपीए) ने आरोप लगाया कि स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) ने जरूरी भंडारण नहीं किया, जिससे आपूर्ति संकट पैदा हो गया।
आईसीपीपीए के महासचिव राजीव अग्रवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आज हमें जितना मिलना चाहिए, उसका 35-40 प्रतिशत ही मिल रहा है... आज से ही हम बिजली उत्पादकों के लिए कोयले की आपूर्ति को पूरी तरह सामान्य बनाया जाए।’’
उन्होंने कहा कि आईपीपी विभिन्न कारणों से भंडारण नहीं करते हैं, जिसके चलते सुरक्षा भंडार खत्म हो जाता है और बाद में पूरी प्रणाली चरमरा जाती है।
उन्होंने कहा कि आईपीपी भंडारण नहीं कर रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि अगर कोई संकट है, तो पूरी सरकार उनकी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में निजी खपत के लिए बिजली उत्पादन करने वाले उत्पादकों (सीपीपी) को समस्या का सामना करना पड़ेगा।
देश में कुल 78,000 मेगावाट की स्थापित सीपीपी क्षमता में लगभग 40,000 मेगावाट (यानी 55 प्रतिशत) सीपीपी ताप-कोयला आधारित हैं, जिसके लिए हर साल 20 करोड़ टन कोयले की आवश्यकता होती है।
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