SEBI के पास आने वाली शिकायतों की संख्या बढ़ी; 2024-25 में मिले 703 आवेदन, 284 का हुआ निपटारा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 17, 2025 13:19 IST2025-08-17T13:18:59+5:302025-08-17T13:19:13+5:30

SEBI:  निपटाई गई अधिकांश अपीलें, (लगभग 62 प्रतिशत) धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध (पीएफयूटीपी) विनियम, 2003 के उल्लंघन से संबंधित थीं।

SEBI settlement appeals coming to SEBI increased 703 applications received in 2024-25 284 settled | SEBI के पास आने वाली शिकायतों की संख्या बढ़ी; 2024-25 में मिले 703 आवेदन, 284 का हुआ निपटारा

SEBI के पास आने वाली शिकायतों की संख्या बढ़ी; 2024-25 में मिले 703 आवेदन, 284 का हुआ निपटारा

SEBI: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास निपटान अपीलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। बाजार नियामक को 2024-25 में प्रतिभूति मानदंडों के उल्लंघन के निपटान के लिए 703 आवेदन प्राप्त हुए। यह दर्शाता है कि लंबी मुकदमेबाजी प्रक्रियाओं के बिना विवादों को सुलझाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में, नियामक को 434 निपटान याचिकाएं प्राप्त हुई थीं। सेबी की 2024-25 वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में इन 703 निपटान आवेदनों में से, नियामक ने साल के दौरान उचित निपटान आदेश पारित करके 284 का निपटारा कर दिया।

वहीं 272 अन्य आवेदन वापस कर दिए गए, खारिज कर दिए गए या या वापस ले लिए गए। निपटान तंत्र इकाइयों को लंबी मुकदमेबाजी में उलझे बिना, निपटान शुल्क का भुगतान करके और कुछ शर्तों का अनुपालन करके भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के साथ मामलों को सुलझाने की अनुमति देता है। निपटाए गए 284 आवेदनों के लिए सेबी को निपटान शुल्क के रूप में 798.87 करोड़ रुपये मिले।

इसके अलावा 64.84 करोड़ की गलत तरीके से कमाई को भी वापस लिया गया। ये निपटान आदेश विभिन्न नियमों के कथित उल्लंघनों के लिए जारी किए गए थे। इनमें भेदिया कारोबार, धोखाधड़ीपूर्ण व्यापारिक व्यवहार, वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ), म्यूचुअल फंड और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) आदि शामिल हैं। निपटान मामलों के साथ-साथ, सेबी ने वर्ष के दौरान कई अपीलों का भी निपटारा किया। 2024-25 में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के समक्ष नियामक से संबंधित कुल 533 नई अपीलें दायर की गईं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह संख्या 821 थी। दायर की गई नई अपीलों में से 422 का निपटारा कर दिया गया।

इनमें से 308 अपीलें (73 प्रतिशत) खारिज कर दी गईं, 23 अपीलें (पांच प्रतिशत) स्वीकार की गईं, 42 अपीलें (10 प्रतिशत) संशोधन के साथ बरकरार रखी गईं, 21 अपीलें (पांच प्रतिशत) वापस भेज दी गईं और 28 अपीलें (सात प्रतिशत) वापस ले ली गईं।

निपटाई गई अधिकांश अपीलें, (लगभग 62 प्रतिशत) धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध (पीएफयूटीपी) विनियम, 2003 के उल्लंघन से संबंधित थीं। इसी दौरान ‘वसूली में कठिन’ (डीटीआर) बकाया राशि वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 77,800 करोड़ रुपये हो गई, जो मार्च, 2024 के अंत में 76,293 करोड़ रुपये थी। यह वह बकाया हैं जो सभी उपलब्ध वसूली प्रयासों के बावजूद वसूल नहीं हो पाया है।

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