अडाणी विल्मर के 4,500 करोड़ रुपये के आईपीओ को मंजूरी को सेबी ने ‘स्थगन’ में रखा
By भाषा | Updated: August 21, 2021 14:05 IST2021-08-21T14:05:46+5:302021-08-21T14:05:46+5:30

अडाणी विल्मर के 4,500 करोड़ रुपये के आईपीओ को मंजूरी को सेबी ने ‘स्थगन’ में रखा
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने खाद्य तेल कंपनी अडाणी विल्मर लि. (एडब्ल्यूएल) के 4,500 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मंजूरी को अभी ‘स्थगन’ में रखा है। हालांकि, नियामक ने इसके बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। कंपनी ने आईपीओ के जरिये धन जुटाने के लिए तीन अगस्त को सेबी के पास दस्तावेज जमा कराए थे। सेबी ने आईपीओ को मंजूरी नहीं देने की वजह का खुलासा नहीं किया है। सेबी की वेबसाइट पर 13 अगस्त को डाली गई सूचना के अनुसार, अडाणी विल्मर के आईपीओ पर ‘निष्कर्ष’ को अभी स्थगित रखा गया है। कोई भी सार्वजनिक निर्गम लाने के लिए सेबी का ‘निष्कर्ष’ जरूरी होता है। अडाणी समूह के प्रवक्ता ने शनिवार को बयान में कहा, ‘‘हमें अभी आईपीओ पर निष्कर्ष को स्थगन में रखने के बारे में सेबी की ओर से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने हमेशा सेबी के नियमों का पूर्ण अनुपालन किया है। पूर्व में नियामक द्वारा मांगी गई सभी सूचनाएं हमने उपलब्ध कराई हैं। हम भविष्य में भी नियामक के साथ पूरा सहयोग करते रहेंगे।’’ अडाणी समूह की कंपनी अडाणी विल्मर का आईपीओ के तहत 4,500 करोड़ रुपये या 60 करोड़ डॉलर के नए शेयर जारी करने का प्रस्ताव है। अडाणी विल्मर फॉर्च्यून ब्रांड नाम से खाद्य तेल बेचती है। यह खाद्य तेल बाजार की प्रमुख कंपनी है। कंपनी का इरादा आईपीओ से प्राप्त राशि का इस्तेमाल अपनी मौजूदा संयंत्रों के विस्तार पर करने का है। इस राशि का इस्तेमाल नए विनिर्माण संयंत्रों तथा ऋण के भुगतान के लिए भी किया जाएगा। एडब्ल्यूएल अडाणी समूह और विल्मर ग्रुप की 50:50 की संयुक्त उद्यम कंपनी है।
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