ढाई लाख रुपये से अधिक भविष्य निधि योगदान के ब्याज पर कर गणना के नियम अधिसूचित

By भाषा | Updated: September 2, 2021 23:28 IST2021-09-02T23:28:32+5:302021-09-02T23:28:32+5:30

Rules for calculation of tax on interest on provident fund contribution above Rs 2.5 lakh notified | ढाई लाख रुपये से अधिक भविष्य निधि योगदान के ब्याज पर कर गणना के नियम अधिसूचित

ढाई लाख रुपये से अधिक भविष्य निधि योगदान के ब्याज पर कर गणना के नियम अधिसूचित

वित्त मंत्रालय ने कर्मचारी के भविष्य निधि में एक साल में 2.5 लाख रुपये से अधिक योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर गणना के नियमों को अधिसूचित कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में एक साल की अवधि में भविष्य निधि में कर्मचारियों और नियोक्ताओं के संयुक्त रूप से अधिकतम 2.5 लाख रुपये के योगदान पर मिलने वाले ब्याज को कर मुक्त रखने की सीमा तय की थी। इसका मकसद अधिक वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को अपनी अधिशेष राशि को भविष्य निधि में लगाने से रोकना है क्योंकि अब पीएफ खाते में तय सीमा से अधिक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर लगाया जायेगा। भविष्य निधि को एक तरह से आम आदमी का सेवानिवृत्ति कोष माना जाता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुधवार को भविष्य निधि में कर योग्य ब्याज की गणना के लिये नियमों को अधिसूचित कर दिया। इसमें कहा गया है कि आकलन के लिये भविष्य निधि खाते के अंतर्गत व्यक्ति के कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान को लेकर 2021-22 से अलग-अलग खाते बनाने होंगे। नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के भागीदार शैलेश कुमार ने कहा कि सीबीडीटी की अधिसूचना से चीजें स्पष्ट हुई हैं। इससे अंततः आशंका दूर हुई है जो निर्धारित सीमा से ऊपर के योगदान के साथ भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज के ऊपर कराधान की घोषणा के साथ उत्पन्न हुई थी। आयकर कानून नियम, 1962 में नियम 9डी जोड़ा गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि पीएफ खातों में अलग से खाते बनाने होंगे। इसमें भविष्य निधि में कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान और उस पर मिलने वाले ब्याज को अलग-अलग दिखाना होगा। कुमार ने कहा, ‘‘यह व्यवस्था करदाताओं को कर वाले ब्याज की गणना की सुविधा प्रदान करेगा। जिन पीएफ खातों में नियोक्ता का भी योगदान होगा उनके लिये कर मुक्त योगदान की सीमा 2.5 लाख रुपये है, जबकि जिन पीएफ खातों में नियोक्ता का योगदान नहीं होगा उन भविष्य निधि खातों में 5 लाख रुपये की बढ़ी हुई सीमा तक कर मुक्त ब्याज का लाभ मिलेगा।’’ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अंशधारकों की संख्या छह करोड़ से अधिक है। इस लिहाज से 2.5 लाख रुपये के योगदान की सीमा में ईपीएफओ के 93 प्रतिशत अंशधारक आते हैं और उन्हें कर मुक्त ब्याज का लाभ मिलता रहेगा। इस प्रकार इस नये नियम से छोटे और मझोले स्तर के कर्मचारियों पर इस कदम का कोई बोझ नहीं पड़ेगा।

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Web Title: Rules for calculation of tax on interest on provident fund contribution above Rs 2.5 lakh notified

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