रोटोमैक बैंक स्कैम: विक्रम कोठारी के घर और दफ्तर पर सीबीआई का छापा, बेटे और बीवी से भी हुई पूछताछ
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: February 20, 2018 09:47 IST2018-02-19T11:31:54+5:302018-02-20T09:47:06+5:30
Rotomac Bank Scam 2018: फ़रवरी 2017 में विक्रम कोठारी को कर्ज देने वाले बैंकों ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया था। कोठारी ने बैंकों के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की है।

Rotomac Bank Scam 2018 (रोटोमैक बैंक स्कैम 2018)| Vikram Kothari
सीबीआई ने सोमवार (19 फ़रवरी) को रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी के कानपुर स्थित घर और दफ्तर पर छापा मारा। विक्रम कोठारी विभिन्न बैंकों के 800 करोड़ रुपये लोन लेकर न चुकाने के आरोपी हैं। सीबीआई ने विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी और उनके बेटे से कथित घोटाल से संबंध में पूछताछ भी की। उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाले विक्रम कोठारी पर म से लोन लेकर न चुकाने का आरोप है।
इससे पहले खबर आई थी कि विक्रम कोठारी लापता हैं और संभव है कि वो देश छोड़ चुके हों। लेकिन रविवार को कोठारी ने देश छोड़ने की खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि कहीं नहीं गये और कानपुर में ही हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार कोठारी रविवार रात एक शादी में शामिल होते देखे गये थे।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11300 करोड़ रुपये के घोटाल के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के विदेश चले जाने की वजह से मीडिया में कोठारी के देश छोड़ने की अफवाह ने जोर पकड़ लिया था।
फ़रवरी 2017 में कोठारी को कर्ज देने वाले बैंकों ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया था। कोठारी ने बैंकों के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की है। पिछले साल कर्ज वसूलने के लिए कोठारी और उनके परिजनों की कुछ संपत्तियों की नीलामी भी की गई थी। रोटोमैक पेन बनाने वाली बड़ी भारतीय कंपनियों में रही है। कोठारी के पिता पान पराग बनाने वाली कंपनी के मालिक थे। कोठारी ने पिता के कारोबार से अलग स्टेशनरी के क्षेत्र में हाथ आजमाया और सफलता हासिल की।