Restaurant QR Code: कांवड़ यात्रा मार्ग पर यूपी और उत्तराखंड सरकार का QR कोड का आदेश लागू रहेगा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 22, 2025 13:17 IST2025-07-22T12:49:31+5:302025-07-22T13:17:36+5:30

न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ शिक्षाविद अपूर्वानंद झा और अन्य लोगों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

Restaurant QR Code UP and Uttarakhand government's QR code order will remain applicable on Kanwar Yatra route, Supreme Court's decision | Restaurant QR Code: कांवड़ यात्रा मार्ग पर यूपी और उत्तराखंड सरकार का QR कोड का आदेश लागू रहेगा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

QR Code

Highlightsमालिकों, कर्मचारियों और अन्य विवरणों के नाम प्रदर्शित करने को कहा गया था। ‘कानूनी लाइसेंस आवश्यकताओं’ के तहत धार्मिक और जातिगत पहचान बताने को कहा गया है।मांसाहार से परहेज करते हैं और अनेक लोग प्याज तथा लहसुन युक्त भोजन भी नहीं खाते।

नई दिल्लीः भोजनालयों के लिए क्यूआर कोड जारी रहेगा। यूपी और उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटल मालिकों को लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने का निर्देश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटल मालिकों को मंगलवार को निर्देश दिया कि वे वैधानिक आवश्यकताओं के अनुरूप अपने लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदर्शित करें। न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वह होटल या ढाबा मालिक का नाम और क्यूआर कोड प्रदर्शित करने के अन्य मुद्दों पर विचार नहीं कर रही क्योंकि कांवड़ यात्रा का मंगलवार को अंतिम दिन है।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि यात्रा का आज अंतिम दिन है... इसलिए इस स्तर पर हम केवल यह आदेश पारित कर सकते हैं कि सभी संबंधित होटल मालिक वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने के निर्देश का पालन करेंगे।’’ शीर्ष अदालत ने शिक्षाविद अपूर्वानंद झा और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया।

न्यायालय ने पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश सरकारों द्वारा जारी इसी तरह के निर्देशों पर रोक लगा दी थी जिनमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों, कर्मचारियों और अन्य विवरणों के नाम प्रदर्शित करने को कहा गया था। झा ने उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा 25 जून को जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए कहा, ‘‘नए उपायों में कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों के लिए क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है ताकि मालिकों के नाम और पहचान का पता चल सके लेकिन इस तरह की भेदभावपूर्ण नीति पर न्यायालय पहले ही रोक लगा चुका है।’’

याचिका में आरोप लगाया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार का निर्देश दुकान, ढाबा और रेस्तरां मालिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन है। हिंदू कैलेंडर के ‘श्रावण’ माह में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगाजल लेकर विभिन्न स्थानों से कांवड़ लेकर आते हैं। अनेक श्रद्धालु इस महीने में मांसाहार से परहेज करते हैं और अनेक लोग प्याज तथा लहसुन युक्त भोजन भी नहीं खाते।

Web Title: Restaurant QR Code UP and Uttarakhand government's QR code order will remain applicable on Kanwar Yatra route, Supreme Court's decision

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