Reserve Bank of India: आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों को कई श्रेणियों में बांटा, 100 करोड़ से लेकर 10000 करोड़ रुपये में रखा, जानें क्या होगा असर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 24, 2023 09:01 PM2023-04-24T21:01:29+5:302023-04-24T21:06:18+5:30
Reserve Bank of India: रिजर्व बैंक ने गत दिसंबर में शहरी सहकारी बैंकों को नियामकीय उद्देश्यों से चार स्तरों में वर्गीकृत किया था। इसके पहले इन बैंकों को सिर्फ टियर-1 और टियर-2 श्रेणी में ही विभाजित किया जाता था।
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शहरी सहकारी बैंकों की सभी श्रेणियों पर लागू मानक परिसंपत्ति प्रावधानों को सोमवार को सुसंगत बनाने की घोषणा की। आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि शहरी सहकारी बैंकों की सभी श्रेणियों पर लागू होने वाले मानक परिसंपत्ति प्रावधानों को सुसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है।
रिजर्व बैंक ने गत दिसंबर में शहरी सहकारी बैंकों को नियामकीय उद्देश्यों से चार स्तरों में वर्गीकृत किया था। इसके पहले इन बैंकों को सिर्फ टियर-1 और टियर-2 श्रेणी में ही विभाजित किया जाता था। संशोधित प्रावधानों के मुताबिक, अब सभी तरह के शहरी सहकारी बैंकों को कृषि एवं एसएमई क्षेत्रों को प्रत्यक्ष ऋण के लिए पोर्टफोलियो के वित्तपोषित हिस्से का 0.25 प्रतिशत प्रावधान करना जरूरी होगा।
इसके अलावा वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र को वित्तपोषित कर्ज के बकाया के एक प्रतिशत प्रावधान की जरूरत होगी। वाणिज्यिक रियल एस्टेट एवं आवासीय इमारत क्षेत्र और अन्य सभी कर्जों एवं अग्रिम भुगतान के मामले में प्रावधान की जरूरत क्रमशः 0.75 प्रतिशत एवं 0.4 प्रतिशत की होगी।
केंद्रीय बैंक ने 100 करोड़ रुपये तक की जमाओं वाले और वेतनभोगियों के शहरी सहकारी बैंक को पहली श्रेणी में रखा है। दूसरी श्रेणी में 100 करोड़ रुपये से अधिक और 1,000 करोड़ रुपये तक जमा वाले सहकारी बैंक रखे गए हैं। टियर-3 में 1,000 करोड़ रुपये से लेकर 10,000 करोड़ रुपये तक जमा वाले शहरी सहकारी बैंक होंगे जबकि 10,000 करोड़ रुपये से अधिक जमाओं वाले शहरी सहकारी बैंक टियर-4 के तौर पर वर्गीकृत हैं।