नयी दिल्ली, 15 नवंबर रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा इकाई ने ऑनलाइन फर्नीचर कंपनी अर्बन लैडर की 96 प्रतिशत हिस्सेदारी का 182 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है।
उद्योगपति मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शनिवार देर रात शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह जानकारी दी। सूचना में कहा गया है, ‘‘रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. (आरआरवीएल) ने अर्बन लैडर होम डेकोर सॉल्यूशंस प्राइवेट लि. के इक्विटी शेयरों का 182.12 करोड़ रुपये नकद में अधिग्रहण किया है।’’ इस निवेश के जरिये उसने अर्बन लैडर की 96 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है।
आरआरवीएल के पास अर्बन लैडर की शेष हिस्सेदारी खरीदने का भी विकल्प होगा, जिससे उसकी कुल हिस्सेदारी 100 प्रतिशत इक्विटी शेयर पूंजी की हो जाएगी। इसके अलावा आरआरवीएल ने कंपनी में 75 करोड़ रुपये का और निवेश करने का प्रस्ताव किया है।
कंपनी ने कहा कि यह निवेश दिसंबर, 2023 तक पूरा हो जाएगा।
इस अधिग्रहण से रिलायंस इंडस्ट्रीज तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत कर सकेगी और साथ ही उपभोक्ताओं के लिए अपने उत्पादों की पेशकश बढ़ा सकेगी। साथ ही इससे वह ई-कॉमर्स क्षेत्र की बड़ी कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट को भी चुनौती पेश कर सकेगी। बयान में कहा गया है कि इस निवेश से समूह की डिजिटल और नव वाणिज्य पहल को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने स्पष्ट किया है कि इस निवेश के लिए कोई सरकारी या नियामकीय मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है।
अगस्त में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने डिजिटल फार्मा मार्केटप्लेस नेटमेड्स में बहुलांश हिस्सेदारी करीब 620 करोड़ रुपये में खरीदी थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज पिछले कुछ माह से अपनी खुदरा इकाई में हिस्सेदारी बेचकर निवेश जुटा रही है। इससे पहले इसी महीने सऊदी अरब के सार्वजनिक निवेश कोष ने आरआरवीएल में 9,555 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की थी। इस तरह पिछले दो माह में इसमें 47,265 करोड़ रुपये की पूंजी आकर्षित की जा चुकी है।
आरआरवीएल की अनुषंगी रिलायंस रिटेल लि. देश के सबसे बड़े खुदरा कारोबार का परिचालन करती है। इसके देशभर में 12,000 स्टोर हैं, जिनमें साल में ग्रहाकों का 64 करोड़ प्रवेश होता है।
ऐसे समय जबकि कोविड-19 महामारी की वजह से देश का मध्यम वर्ग खाने-पीने और किराने का सामान ऑनलाइन खरीदना पसंद कर रहा है, अमेजन, रिलायंस और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट के बीच बाजार हिस्सेदारी को लेकर जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। अनुसंधान कंपनी फॉरेस्टर के अनुसार भारत का ई-कॉमर्स बाजार 2024 तक 86 अरब डॉलर का हो जाएगा।
अर्बन लैडर का भारत में गठन 17 फरवरी, 2012 को हुआ था। ऑनलाइन के अलावा कंपनी की उपस्थिति खुदरा स्टोर कारोबार में है। कंपनी देश के विभिन्न शहरों में खुदरा स्टोरों की श्रृंखला का परिचालन करती है।
वित्त वर्ष 2018-19 अर्बन लैडर का कारोबार 434 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने 49.41 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
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