CBI ने रेड कॉर्नर नोटिस का हवाला देकर एंटीगुआ से मेहुल चौकसी के ठिकाने के बारे में जानकारी मांगी
By भाषा | Updated: July 25, 2018 21:58 IST2018-07-25T21:58:03+5:302018-07-25T21:58:03+5:30
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई को अगर एंटीगुआ से उसकी मौजूदगी की पुष्टि मिलती है तो वह इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का इंतजार किए बगैर वहां की सरकार से उसे प्रत्यर्पित करने का आग्रह कर सकती है।

CBI ने रेड कॉर्नर नोटिस का हवाला देकर एंटीगुआ से मेहुल चौकसी के ठिकाने के बारे में जानकारी मांगी
नई दिल्ली, 25 जुलाईः सीबीआई ने एंटीगुआ के अधिकारियों को पत्र लिखकर भगोड़े हीरा व्यवसायी मेहुल चौकसी के ठिकाने के बारे में जानकारी मांगी है। चौकसी पंजाब नेशनल बैंक में दो अरब डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी मामले में कथित तौर पर संलिप्त है। चौकसी ने कैरेबियन देश एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली है।
उन्होंने कहा कि पिछली शाम सीबीआई की तरफ से एंटीगुआ के अधिकारियों को भेजे गए पत्र में भगोड़े व्यवसायी के खिलाफ इंटरपोल की तरफ से जारी नोटिस का हवाला दिया गया और उसकी आवाजाही, वर्तमान ठिकाने का ब्यौरा मांगा। मेहलु चौकसी नीरव मोदी का मामा है और अपराध में कथित तौर पर उसका भागीदार है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई को अगर एंटीगुआ से उसकी मौजूदगी की पुष्टि मिलती है तो वह इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का इंतजार किए बगैर वहां की सरकार से उसे प्रत्यर्पित करने का आग्रह कर सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी को विदेश मंत्रालय से पता चला था कि चौकसी ने एंटीगुआ के पासपोर्ट पर अमेरिका की यात्रा की थी। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास से मिली जानकारी एजेंसी को भेजी थी। उन्होंने कहा कि 23 जुलाई को रिपोर्ट सीबीआई के हाथ में आई थी जिसके बाद एंटीगुआ को पत्र भेजा गया।
स्थानीय अखबार एंटीगुआ ऑब्जर्वर के मुताबिक चौकसी ने नवम्बर 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली थी और इस वर्ष 15 जनवरी को उसने निष्ठा की शपथ ली थी।
एंटीगुआ और बारबाडोस की निवेश इकाई के माध्यम से नागरिकता सबंधी वेबसाइट पर स्पष्ट किया गया है, ‘‘एंटीगुआ और बारबाडोस के पासपोर्ट धारक करीब 132 देशों की वीजा मुक्त यात्रा कर सकते हैं जिसमें ब्रिटेन और शेनजेन क्षेत्र के देशों की यात्रा भी शामिल है।’’
भारतीय संस्थानों की रिपोर्ट का हवाला देकर अखबार ने मंगलवार को चौकसी के बारे में निवेश के माध्यम से नागरिकता इकाई को प्रश्नावली भेजी थी। अखबार ने आज खबर दी कि उसे सूचित किया गया कि ‘‘पूरी सावधानी बरतने’’ और ‘‘प्रतिष्ठित एजेंसियों’’ से ‘‘अंतरराष्ट्रीय जांच’’ कराने के बाद चौकसी के आवेदन को मंजूरी दी गई। इसमें अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन और कैरीकॉम इंप्लीमेंटिंग एजेंसी फॉर क्राइम एंड सिक्योरिटी (आईएमपीएसीएस) द्वारा जांच भी शामिल है।
इंटरपोल के लिए भारत की नोडल एजेंसी सीबीआई ने कहा कि इंटरनेशनल एजेंसी ने चौकसी की पृष्ठभूमि से जुड़ी कोई सूचना नहीं मांगी। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, ‘‘इंटरपोल ने सीबीआई से चौकसी से जुड़ी कोई भी सूचना पिछले तीन-चार वर्षों में नहीं मांगी है।’’
एंटीगुआ और बारबाडोस के निवेश द्वारा नागरिकता कार्यक्रम के तहत कोई भी व्यक्ति कम से कम एक लाख डॉलर का निवेश कर पासपोर्ट हासिल कर सकता है।
सूत्रों ने बताया कि चौकसी के कृत्यों से पता चलता है कि उसने भागने की योजना पहले बना ली थी और उसे पता था कि पीएनबी के कर्मचारी गोकुलनाथ शेट्टी के सेवानिवृत्त होने के बाद घोटाले का पर्दाफाश होगा। शेट्टी उसे गारंटी पत्र के नवीकरण में मदद करता था। उन्होंने बताया कि वह जनवरी के पहले हफ्ते में देश से फरार हो गया और एंटीगुआ में निष्ठा की शपथ 15 जनवरी को ली।
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