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आरबीआई का रेपो दर को यथावत रखने का निर्णय आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये: विशेषज्ञ

By भाषा | Updated: August 6, 2021 21:45 IST

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नयी दिल्ली, छह अगस्त वित्तीय बाजार विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दर को यथावत रखने का निर्णय कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित देश की आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के एजेंडा के अनुरूप है।

रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार सातवीं बार नरम रुख के साथ नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर यथावत रखा।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि आरबीआई का मानना ​​है कि विकास को बढ़ावा देना प्राथमिकता होनी चाहिए। टीकाकरण लगातार बढ़ रहा है और आर्थिक गतिविधि और निर्यात की गति बढ़ रही है, यह संभवत: रफ्तार पकड़ रही आर्थिक वृद्धि को मजबूत करने और आगे बढ़ाने का समय है।

एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरूआ ने कहा कि हाल में मुद्रास्फीति में तेजी के बावजूद रिजर्व बैंक वृद्धि को लगातार समर्थन दे रहा है।

बरुआ ने कहा, ‘‘आरबीआई ने गतिशील रिवर्स रेपो की मात्रा में 2 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि की घोषणा की है। साथ ही नकदी के मामले में सकारात्मक दिशानिर्देश दिया है....नकदी सामान्यीकरण के इस कदम को सोच विचारकर उठाया गया कदम के रूप में देखा जाना चाहिए...।’’

आरबीआई ने जनवरी 2021 में वीआरआरआर (गतिशील दर रिवर्स रेपो नीलामी) को दोबारा से पेश किया था।

एंड्रोमेडा और अपनापैसा के सीईओ वी स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘ आज की आरबीआई नीति एक बार फिर इस बात का संकेत है कि कर्ज और जमा दोनों दरों पर ब्याज दरें कम बनी रहेंगी और कुछ तिमाहियों में इसके बढ़ने की संभावना नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह रियल एस्टेट और वाहन उद्योग सहित सभी ब्याज से जुड़े क्षेत्रों के लिए अच्छा है। कम ब्याज व्यवस्था के परिणामस्वरूप त्योहारों के दौरान मांग में तेजी आ सकती है।’’

इक्रा के प्रबंध निदेशक और समूह सीईओ एन शिवरमण ने कहा कि ऐसा लगता है कि एमपीसी आर्थिक वृद्धि के पटरी पर आने तक वृद्धि को समर्थन देना जारी रखेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में पर्याप्त नकदी के साथ वीआरआरआर के जरिये धीरे-धीरे नकदी निकालने से निकट भविष्य में असर नहीं पड़ना चाहिए।’’

निवेश परामर्श कंपनी मिलवुड केन इंटरनॅशनल के संस्थापक और सीईओ निश भट्ट ने कहा कि उम्मीद के अनुरूप एमपीसी ने प्रमुख नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखा।

उन्होंने कहा, ‘‘सदा सुलभ लक्षित दीर्घकालीन रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) योजना को एक बार फिर दिसंबर तक बढ़ाने का निर्णय पर्याप्त तरलता बनाए रखेगा और विकास को समर्थन देगा...।’’

मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ (निवेश उत्पाद) के प्रमुख नितिन शानबाघ ने कहा कि आरबीआई ने विकास को प्राथमिकता देना और जहाँ तक आवश्यक हो वित्तीय स्थिरता बनाए रखना जारी रखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाये रखते हुए आरबीआई खुले बाजार परिचालन (ओएमओ) और जीसैप (सरकारी प्रतिभूति खरीद कार्यक्रम) के जरिये बांड प्रतिफल के व्यवस्थित विकास को जारी रखेगा...।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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