लाइव न्यूज़ :

व्यक्तिगत ऋण पर आरबीआई का निर्णय सही, मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा- पिछले दो वर्षों में व्यक्तिगत ऋण में करीब 24 प्रतिशत और ‘क्रेडिट कार्ड’ ऋण में औसतन 28 प्रतिशत की वृद्धि, आखिर वजह

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 20, 2023 13:59 IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज, क्रेडिट कार्ड जैसे कर्ज से जुड़े नियम को सख्त कर दिया।

Open in App
ठळक मुद्देसंशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई। पिछले कुछ वर्षों में असुरक्षित ऋण तेजी से बढ़ रहे हैं। ब्याज दर के झटके की स्थिति में ऋण लागत में संभावित वृद्धि करनी पड़ती है।

नई दिल्लीः मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को कहा कि व्यक्तिगत ऋण के लिए नियमों को कड़ा करने का आरबीआई का निर्णय सही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज, क्रेडिट कार्ड जैसे कर्ज से जुड़े नियम को सख्त कर दिया।

संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई। मूडीज ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में असुरक्षित ऋण तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे वित्त संस्थानों को अचानक आर्थिक या ब्याज दर के झटके की स्थिति में ऋण लागत में संभावित वृद्धि करनी पड़ती है। मूडीज ने एक बयान में कहा, ‘‘ उच्च जोखिम-भारित परिसंपत्तियों के जरिए से हामीदारी मानदंडों को कड़ा करना ऋण के लिए सही कदम है।

क्योंकि ऋणदाताओं की नुकसान से निपटने की स्थिति बेहतर करने के लिए उच्च पूंजी आवंटित करने की आवश्यकता होगी..’’ बयान में कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत का असुरक्षित ऋण खंड बहुत प्रतिस्पर्धी हो गया है। इसमें कई नए प्रवेशकों सहित बैंक, एनबीएफसी और वित्त प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियां इस श्रेणी में आक्रामक रूप से ऋण बढ़ा रही हैं।

मूडीज के अनुसार, पिछले दो वर्षों में व्यक्तिगत ऋण में करीब 24 प्रतिशत और ‘क्रेडिट कार्ड’ ऋण में औसतन 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि समग्र बैंकिंग क्षेत्र की ऋण वृद्धि करीब 15 प्रतिशत है। साख तय करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने पिछले सप्ताह कहा था कि असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज के लिये जोखिम भार बढ़ाकर उपभोक्ता ऋण के मानदंडों को कड़ा करने के रिजर्व बैंक के फैसले से बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में 0.6 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है।

इस कदम से उपभोक्ताओं को जोखिमपूर्ण बैंक ऋण देना कम हो जाएगा। साथ ही विशेष रूप से गैर-बैंक क्षेत्र पर दबाव पड़ने की संभावना है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि इससे कर्ज पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी, ऋण वृद्धि कम होगी और कमजोर वित्तीय संस्थानों के लिये पूंजी जुटाने की जरूरत बढ़ेगी। दूसरी तरफ, उच्च जोखिम भार से अंततः परिसंपत्ति गुणवत्ता बेहतर होगी।

टॅग्स :MoodyRBIMoody's Investors Service
Open in App

संबंधित खबरें

भारतरेपो दर में कटौती से घर के लिए कर्ज होगा सस्ता, मांग बढ़ेगी: रियल एस्टेट

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

भारतRBI MPC Meet: लोन होंगे सस्ते, RBI ने रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 5.25% किया

कारोबारRupee vs Dollar: अब तक के सबसे निचले स्तर पर रुपया, डॉलर के मुकाबले 28 पैसे टूटा; जानें कैसे उठेगा

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारIndiGo Crisis: इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने फ्लाइट कैंसिल होने पर माफी मांगी, कहा- बताया कब स्थिति हो जाएगी सामान्य

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: टंकी फूल कराने से पहले यहां चेक करें तेल के लेटेस्ट दाम, जानें कहां मिल रहा सस्ता ईंधन

कारोबारGPS Spoofing: 'इसे हल्के में मत लो!' अंकुर चंद्रकांत का अलर्ट हुआ वायरल, कौन हैं निशाने पर?

कारोबारGold-Silver Price Today: सोना 600 रुपये गिरकर 1,31,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर, चांदी में 900 रुपये की नरमी

कारोबारGold Rate Today: शादियों के सीजन में महंगा हुआ सोना, जानें 4 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत