आरबीआई लेखा परीक्षकों की नियुक्ति के नये नियमों पर जल्द जारी करेगा स्पष्टीकरण

By भाषा | Updated: June 4, 2021 17:40 IST2021-06-04T17:40:27+5:302021-06-04T17:40:27+5:30

RBI will soon issue clarification on new rules for the appointment of auditors | आरबीआई लेखा परीक्षकों की नियुक्ति के नये नियमों पर जल्द जारी करेगा स्पष्टीकरण

आरबीआई लेखा परीक्षकों की नियुक्ति के नये नियमों पर जल्द जारी करेगा स्पष्टीकरण

मुंबई, चार जून भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि बड़े वित्तीय संस्थानों द्वारा ऑडिटर की नियुक्ति के संदर्भ में जारी परिपत्र के लेकर विभिन्न पक्षों ने जो मुद्दे उठाये हैं, उसको लेकर वह जल्दी ही स्पष्टीकरण जारी करेगा। वित्तीय संस्थानों में ऑडिटर की नियुक्ति को लेकर हाल में जारी आरबीआई के परिपत्र को लेकर विभिन्न पक्षों ने आलोचना की।

उद्योग मंडल सीआईआई नये नियमों के खिलाफ काफी मुखर रहा है। नये नियम के तहत संयुक्त ऑडिट को अनिवार्य किया गया है और बड़ी लेखा कंपनियों पर कई अन्य प्रतिबंधों के बीच कार्यकाल को तीन साल तक सीमित किया गया है।

दूसरी तरफ, घरेलू ऑडिटर और स्वतंत्र पर्यवेक्षकों ने उसका स्वागत किया। उनका कहना है कि 26 अप्रैल को जारी नया परिपत्र क्षेत्र में कुछ कंपनियों के दबदबे को कम करने और समान अवसर लाने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद संवाददाता सम्मेलन में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने कहा, ‘‘हमें विभिन्न संबद्ध पक्षों से स्पष्टीकरण को लेकर पत्र मिले हैं। हम उस पर गौर कर रहे हैं और जल्दी ही उस संदर्भ में स्पष्टीकरण जारी किये जाएंगे।’’

उन्होंने यह नहीं बताया कि आखिर विभिन्न पक्षों की मुख्य चिंता क्या है। केवल यह संकेत दिया कि वे सिर्फ स्पष्टीकरण हैं।

जैन ने कहा, ‘‘... इन नियमों का उद्देश्य स्वामित्व-तटस्थ नियमन को लागू करना, लेखा परीक्षकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना, हितों के टकराव से बचना और लेखा परीक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन उपायों को आरबीआई के अपने नियमों के तहत आने वाली संस्थाओं के कार्यों को मजबूत करने के प्रयासों के रूप में भी देखा जाना चाहिए।’’

सांविधिक ऑडिटर की नियुक्ति के संदर्भ में लाये गये नये नियम से बड़े कारोबार वाली गैर-बैंकिंग इकाई और आवास वित्त कंपनियां तथा शहरी सहकारी आरबीआई के दायरे में आ गये हैं। नये नियम चालू वित्त वर्ष से प्रभावी होंगे। हालांकि, 1,000 करोड़ रुपये से कम की परिसंपत्ति और जमा न लेने वाली एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) अपनी मौजूदा प्रक्रिया के साथ काम जारी रख सकती हैं।

रिजर्व बैंक ने कहा कि दिशानिर्देश लेखा परीक्षकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हुए सांविधिक केंद्रीय लेखा परीक्षकों (एससीए) / सांविधिक लेखा परीक्षकों (एसए), लेखा परीक्षकों की संख्या, उनकी पात्रता मानदंड और कार्यकाल आदि को लेकर आवश्यक निर्देश प्रदान करते हैं।

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Web Title: RBI will soon issue clarification on new rules for the appointment of auditors

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