2000 के नोट को वापस लेने के फैसले को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया मुद्रा प्रबंधन का हिस्सा
By मनाली रस्तोगी | Published: May 22, 2023 12:03 PM2023-05-22T12:03:01+5:302023-05-22T12:04:44+5:30
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक खाते में 50,000 रुपये या अधिक जमा कराने पर जो मौजूदा पैन की अनिवार्यता का नियम है, वह 2,000 के नोट के मामले में भी लागू होगा।
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2,000 के नोट को वापस लेने का फैसला मुद्रा प्रबंधन का हिस्सा। दास ने आगे कहा कि नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की भरपाई के लिए 2,000 रुपये का नोट लाया गया था। बैंकों को 2,000 को नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर तक ज्यादातर 2,000 वापस हो जाएंगे।
दास ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि पहले भी दुकानदार 2,000 का नोट लेने में हिचकिचाते थे, अब शायद और ज्यादा हिचकिचाएंगे। उन्होंने कहा कि बैंक खाते में 50,000 रुपये या अधिक जमा कराने पर जो मौजूदा पैन की अनिवार्यता का नियम है, वह 2,000 के नोट के मामले में भी लागू होगा। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट करता हूं और फिर से जोर देता हूं कि यह रिजर्व बैंक के मुद्रा प्रबंधन परिचालन का एक हिस्सा है।
#WATCH | #Rs2000CurrencyNote | RBI Governor Shaktikanta Das says, "Let me clarify and re-emphasise that it is a part of the currency management operations of the Reserve Bank...For a long time, the Reserve Bank has been following a clean note policy. From time to time, RBI… pic.twitter.com/Rkae1jG0rU
— ANI (@ANI) May 22, 2023
दास ने कहा कि लंबे समय से रिजर्व बैंक स्वच्छ नोट नीति का पालन कर रहा है। समय-समय पर, आरबीआई एक विशेष श्रृंखला के नोटों को वापस लेता है और नए नोट जारी करता है...हम 2000 रुपये के नोटों को संचलन से वापस ले रहे हैं लेकिन वे कानूनी निविदा के रूप में जारी हैं।
नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर किये जाने के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से मुद्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2000 रुपये का नोट लाया गया था।