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RBI GDP growth rate: 2024-25 में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, आरबीआई ने अनुमान लगाया, एमएसपी ने 50 प्रतिशत का न्यूनतम मुनाफा सुनिश्चित किया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 30, 2024 12:34 IST

RBI GDP growth rate: आरबीआई ने कहा, ‘‘ 2024-25 के लिए वास्तविक (सकल घरेलू उत्पाद) जीडीपी वृद्धि 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें जोखिम दोनों तरफ समान रूप से संतुलित होंगे।’’

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ठळक मुद्देवित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था ने लगातार चुनौतियों के बावजूद जुझारूपन दिखाया।वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो गई।न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ने सभी फसलों के लिए उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित किया।

RBI GDP growth rate: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है। आरबीआई ने बृहस्पतिवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024 वित्त वर्ष) में मजबूत गति से विस्तार किया, जिससे वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो गई। यह 2022-23 में 7.0 प्रतिशत थी। यह लगातार तीसरे वर्ष सात प्रतिशत या उससे अधिक रही। आरबीआई ने कहा, ‘‘ 2024-25 के लिए वास्तविक (सकल घरेलू उत्पाद) जीडीपी वृद्धि 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें जोखिम दोनों तरफ समान रूप से संतुलित होंगे।’’ इसमें कहा गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था ने लगातार चुनौतियों के बावजूद जुझारूपन दिखाया।

एमएसपी ने 2023-24 में उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत का न्यूनतम मुनाफा सुनिश्चित किया:आरबीआई

वित्त वर्ष 2023-24 के खरीफ और रबी दोनों मौसम में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ने सभी फसलों के लिए उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित किया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बृहस्पतिवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि 31 मार्च 2024 तक खाद्यान्नों का समग्र सार्वजनिक भंडारण कुल तिमाही भंडारण मानक का 2.9 गुना था।

सरकार ने 29 नवंबर 2023 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत खाद्यान्न के मुफ्त वितरण की योजना को एक जनवरी 2024 से पांच और वर्षों के लिए बढ़ा दिया था। रिपोर्ट में कहा कि असमान तथा कम दक्षिण-पश्चिम मानसून (एसडब्ल्यूएम) वर्षा के साथ ही अल नीनो की स्थिति के मजबूत होने से कृषि और संबद्ध गतिविधियों को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।

समग्र एसडब्ल्यूएम वर्षा 2023 (जून-सितंबर) में अखिल भारतीय स्तर पर दीर्घावधि औसत (एलपीए) से छह प्रतिशत कम हुई। दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2023-24 में खरीफ और रबी खाद्यान्न का उत्पादन पिछले वर्ष के अंतिम अनुमानों से 1.3 प्रतिशत कम था। रिपोर्ट में कहा गया कि उत्पादकता में वृद्धि से मोटे अनाज के उत्पादन को लाभ हो सकता है।

वित्त वर्ष 2023-24 में खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में 5.3-10.4 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 2.0-7.1 प्रतिशत की वृद्धि की गई। खरीफ फसलों में मूंग के एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, जबकि रबी फसलों में मसूर तथा गेहूं के एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि हुई।

टॅग्स :सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
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